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Inverse Vaccine: मल्टीपल स्कलेरोसिस और डायबिटीज को ट्रीट कर सकेगी यह इनवर्स वैक्सीन, इम्यून सिस्टम पर भी नहीं पड़ेगा प्रभाव

वैज्ञानिक एक नई तरह की वैक्सीन तैयार कर रहे हैं जो इम्यून सिस्टम को प्रभावित किए बिना गठिया, मल्टीपल स्केलेरोसिस, टाइप -1 डायबिटीज और क्रोहन रोग जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों को रिवर्स कर सकती है.

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हाइलाइट्स
  • तैयार की जा रही नई वैक्सीन

  • किए जा रहे हैं सेफ्टी ट्रायल्स

एक स्टडी के अनुसार, मल्टीपल स्केलेरोसिस और टाइप 1 डायबिटीज जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों को पूरी तरह से उलटने के लिए लैब में एक नए प्रकार का "इनवर्स वैक्सीन" तैयार किया जा रहा है. यह वैक्सीन बाकी इम्यूनिटी पर कोई असर डाले बगैर ही इन बिमारियों को रिवर्स कर सकेगी. यह वैक्सीन इंसान के इम्यून सिस्टम को एक वायरस या बैक्टीरिया को दुश्मन के रूप में पहचानना सिखाएगी ताकि इसे खत्म किया जा सके. 

तैयार की जा रही नई वैक्सीन
हालांकि, अमेरिका में शिकागो विश्वविद्यालय के प्रिट्जकर स्कूल ऑफ मॉलिक्यूलर इंजीनियरिंग (पीएमई) के रिसर्चर्स की बनाई एक नई वैक्सीन ठीक इसके विपरीत काम करती है: यह इम्यून सिस्टम से मॉलेक्यूल की मेमोरी को हटा देती है. इस तरह मेमोरी का हटना संक्रामक रोगों के लिए अवांछित होगा. यह ऑटोइम्यून रिएक्शन्स को रोक सकता है जैसे कि मल्टीपल स्केलेरोसिस, टाइप I डायबिटीज, या रुमेटीइड गठिया में देखा जाता है. इसमें प्रतिरक्षा प्रणाली या इम्यून सिस्टम किसी व्यक्ति के स्वस्थ टिश्यूज पर हमला करता है. 

नेचर बायोमेडिकल इंजीनियरिंग जर्नल में वर्णित वैक्सीन का फायदा यही है कि कैसे लीवर स्वाभाविक रूप से टूटी हुई सेल्स के मॉलेक्यूल्स को "डू नॉट अटैक" फ्लैग देता है ताकि प्राकृतिक प्रक्रियाओं से मरने वाली कोशिकाओं पर ऑटोइम्यून प्रतिक्रियाओं को रोका जा सके. टीम ने दिखाया कि कैसे वैक्सीन मल्टीपल स्केलेरोसिस जैसी बीमारी से जुड़ी ऑटोइम्यून प्रतिक्रिया को सफलतापूर्वक रोक सकती है. 

किए जा रहे हैं सेफ्टी ट्रायल्स
वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्तमान में ऑटोइम्यून बिमारियों को दवाइयों से ट्रीट किया जाता है. ये दवाइयां इम्यून सिस्टम को बंद कर देती हैं. जिसके साइड-इफेक्ट्स हो सकते हैं. ऐसे में, अगर मरीज को इनवर्स वैक्सीन के साथ ट्रीट किया जाए तो इसके कम से कम साइड इफेक्ट होंगे. इस प्रीक्लिनिकल कार्य पर आधारित एंटीजन थेरेपी के प्रारंभिक चरण I सेफ्टी ट्रायल्स पहले से ही सीलिएक बीमारी वाले लोगों में किए जा चुके हैं.

यह एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो गेहूं, जौ और राई खाने से जुड़ी है, और चरण I सुरक्षा परीक्षण मल्टीपल स्केलेरोसिस में चल रहे हैं. इन ट्रायल्स का संचालन स्विस फार्मास्युटिकल कंपनी एनोकियन एसए कर रही है. हालांकि, अभी तक कोई क्लीनिकली एप्रुव्ड इनवर्स वैक्सीन नहीं है, लेकिन इस तकनीक पर काम लगातार जारी है. 

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