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Blood Donation and Cancer Risk: ब्लड डोनेट करने वालों को कैंसर का खतरा कम! जानिए कैसे खून देने से शरीर में होते हैं चमत्कारी बदलाव

हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है कि ब्लड डोनेशन करने से सीधे कैंसर का खतरा कम हो सकता है. लेकिन इस स्टडी से यह जरूर साफ हो गया है कि ब्लड डोनेशन करने वालों के खून में कुछ ऐसे अनोखे बदलाव होते हैं, जो स्वस्थ रहने में मददगार हो सकते हैं.

Blood Donation and Cancer Risk Blood Donation and Cancer Risk
हाइलाइट्स
  • खून देने से शरीर में होते हैं बदलाव

  • ब्लड डोनेट करने वालों को कैंसर का खतरा कम

क्या आप जानते हैं कि ब्लड डोनेशन सिर्फ किसी की जान बचाने के लिए ही नहीं, बल्कि आपकी सेहत के लिए भी फायदेमंद हो सकता है? हाल ही में हुए एक चौंकाने वाले शोध में सामने आया है कि जो लोग नियमित रूप से ब्लड डोनेशन करते हैं, उनमें कैंसर होने का खतरा कम हो सकता है. जी हां, आपने सही सुना! इस स्टडी के अनुसार, ब्लड डोनेशन आपके खून में ऐसे जेनेटिक बदलाव लाता है, जो कैंसर जैसी घातक बीमारियों के जोखिम को कम कर सकता है.

इस स्टडी को फ्रांसिस क्रिक इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने किया है, जिसमें यह पाया गया कि लंबे समय तक ब्लड डोनेशन करने वालों के खून में कुछ अनोखे बदलाव देखे गए, जो कैंसर से बचाने में मददगार हो सकते हैं. 

ब्लड डोनेशन करने वालों के खून में क्या बदलाव आते हैं?
इस स्टडी के दौरान वैज्ञानिकों ने 60 साल के दो ग्रुप्स के ब्लड डोनर्स के खून की तुलना की. पहले ग्रुप में ऐसे लोग थे जिन्होंने पिछले 40 सालों से हर साल 3 बार ब्लड डोनेशन किया था. वहीं, दूसरे ग्रुप में ऐसे लोग थे, जिन्होंने अब तक केवल 5 बार ही ब्लड डोनेशन किया था.

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जब इन दोनों समूहों के खून को टेस्ट किया गया, तो एक बेहद दिलचस्प बात सामने आई. पहले ग्रुप (नियमित ब्लड डोनेशन करने वाले) के 50% लोगों में खून में कुछ खास तरह के जेनेटिक बदलाव देखे गए. दूसरे ग्रुप (कम ब्लड डोनेशन करने वाले) में यह बदलाव सिर्फ 30% लोगों में था.

कैसे काम करता है ब्लड डोनेशन का ये चमत्कारी असर?
बीबीसी की रिपोर्ट की मानें, तो हमारे शरीर में समय के साथ खून में म्यूटेशन (Genetic Mutations) होते रहते हैं, जिससे कैंसर जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है. लेकिन ब्लड डोनेशन करने से नया खून बनने की प्रक्रिया तेज होती है, जिससे हमारे स्टेम सेल्स (Bone Marrow) ज्यादा सक्रिय होकर नया और हेल्दी खून बनाते हैं.

ब्लड डोनेशन करने से शरीर में पुराने और संभावित रूप से नुकसानदायक ब्लड सेल्स कम हो जाते हैं, और उनकी जगह नई, स्वस्थ ब्लड सेल्स ले लेती हैं. नियमित ब्लड डोनेशन करने वालों के स्टेम सेल्स में ऐसे बदलाव देखे गए, जो ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) जैसी बीमारियों के खतरे को कम कर सकते हैं.
ब्लड डोनेशन करने वालों के खून में मिलने वाले स्टेम सेल्स ज्यादा तेजी से रेड ब्लड सेल्स बनाते हैं, जिससे खून की गुणवत्ता बेहतर होती है.

क्या ब्लड डोनेशन से कैंसर का खतरा वाकई कम हो जाता है?
हालांकि वैज्ञानिकों का कहना है कि अभी यह पूरी तरह से साबित नहीं हुआ है कि ब्लड डोनेशन करने से सीधे कैंसर का खतरा कम हो सकता है. लेकिन इस स्टडी से यह जरूर साफ हो गया है कि ब्लड डोनेशन करने वालों के खून में कुछ ऐसे अनोखे बदलाव होते हैं, जो स्वस्थ रहने में मददगार हो सकते हैं.

इस अध्ययन में शामिल वैज्ञानिक डॉ. हेक्तर हुर्गा एनकाबो ने बताया, "यह एक ऐसा जेनेटिक बदलाव है, जो ल्यूकेमिया (ब्लड कैंसर) के हाई रिस्क से नहीं जुड़ा है. बल्कि इसके उलट, यह खून में नई और ज्यादा हेल्दी रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है."

हालांकि, ये स्टडी के नतीजे अभी पुरुषों पर किए गए हैं, लेकिन वैज्ञानिक अब इसे महिलाओं पर भी लागू करने की योजना बना रहे हैं.