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खुल गया राज! धरती पर ऐसे आया था पानी, वैज्ञानिक तथ्यों से समझिए

क्या आप जानते हैं पृथ्वी पर पानी की उत्पत्ति कैसे हुई? एक ताजा रिसर्च के मुताबिक धरती पर पानी सौरमंडल के बाहरी किनारों से एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रहों के जरिए आया था. पानी लेकर उल्कापिंड और एस्टेरॉयड्स हमारी धरती से टकराए. जिसकी वजह से हमारी धरती पर पानी टिक गया.

धरती पर ऐसे आया था पानी धरती पर ऐसे आया था पानी
हाइलाइट्स
  • धरती पर पानी की उत्पत्ति को लेकर एक ताजा रिसर्च सामने आई है.

  • अरबों साल पहले पृथ्वी पर महासागरों का निर्माण कैसे हुआ?

हम और आपमें से कई लोग धरती के बारे में जानने को लेकर उत्सुक होंगे. मसलन धरती पर जीवन कब शुरू हुआ? यहां पानी कैसे आया? पृथ्वी पर बने इतने सागर और पानी के स्रोतों की उत्पत्ति कैसे हुई? धरती पर पानी की उत्पत्ति को लेकर एक ताजा रिसर्च सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि धरती पर पानी सौरमंडल के बाहरी किनारों से एस्टेरॉयड यानी क्षुद्रग्रहों के जरिए आया था. ल्यूक डेली ने जापानी स्पेसक्राफ्ट हायाबूसा द्वारा लाए गए एस्टेरॉयड्स के टुकड़े की जांच की थी. ये नमूने 2020 में एस्टेरॉयड रयुगु से वापस पृथ्वी पर लाए गए थे. जापान के स्पेस प्रोब हायाबूसा-2 ने 5.4 ग्राम के चट्टान और धूलकणों को जमा किया था. 

अमीनो एसिड शायद अंतरिक्ष में ही बने होंगे

शोधकर्ताओं के एक समूह ने कहा है कि उन्हें ऐसे कार्बनिक पदार्थ मिले हैं, जिससे पता चलता है कि पृथ्वी पर जीवन के निर्माण में शामिल रहे अमीनो एसिड शायद अंतरिक्ष में ही बने होंगे. नेचर एस्ट्रोनॉमी में प्रकाशित रिसर्च में कहा गया है कि Ryugu के नमूने इस रहस्य को सुलझा सकते हैं कि अरबों साल पहले पृथ्वी पर महासागरों की उत्पत्ति कैसे हुई होगी. 
 

एस्टेरॉयड धरती पर पानी के मुख्य स्रोत

सोमवार को प्रकाशित जापान और अन्य देशों के वैज्ञानिकों द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि वाष्पशील और कार्बनिक तत्वों से भरपूर सी-टाइप के एस्टेरॉयड शायद धरती पर पानी के मुख्य स्रोत रहे होंगे. धरती पर कार्बनिक पदार्थों और पानी का पहुंचना अब भी एक बड़ी बहस का विषय है. लेकिन रायुगु के कणों में मिलने वाले कार्बनिक पदार्थ शायद इन वाष्पशीलों के एक प्रमुख स्रोत हैं. हालांकि उनका यह भी कहना है कि शुरुआती पृथ्वी पर वाष्पशीलों के पहुंचने के वे एकमात्र स्रोत नहीं रहे होंगे. इन नमूनों की चल रही जांच निश्चित रूप से प्रारंभिक सौर प्रणाली प्रक्रियाओं की हमारी समझ का विस्तार करेगी. हायाबुसा-2 को साल 2014 में लगभग 300 मिलियन किलोमीटर दूर ‘रयुगु' एस्‍टरॉयड की ओर लॉन्‍च किया गया था. आपको बता दें, पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा पानी से ढका हुआ है. 1.6 प्रतिशत पानी जमीन के नीचे है और 0.001 प्रतिशत वाष्प और बादलों के रूप में है.