टेस्ला के सीईओ एलन मस्क (Elon Musk) एक बार फिर से चर्चा में हैं. इसबार ये विवाद उनकी ट्रांस बेटी विवियन विल्सन से जुड़ा है. हाल ही में साइकोलॉजिस्ट जॉर्डन पीटरसन के साथ दो घंटे की बातचीत में, एलन मस्क ने दावा किया कि उनपर कागजी कार्रवाई में धोखे से हस्ताक्षर करवाया गया है. ये अनुमति विवियन के प्यूबर्टी ब्लॉकर्स (Puberty Blockers) लेने से जुड़ी है. विवियन के नाम के आगे “बेटे” शब्द का इस्तेमाल करते हुए एलन मस्क ने कहा कि उसे “वोक माइंड वायरस" ने मारा है.
विवियन ने बदलवाया था जेंडर
अमेरिकी मीडिया NBC न्यूज से विवियन ने बात करते हुए कहा कि उनके पिता एलन मस्क निर्दयी और क्रूर हैं. 20 साल की विवियन ने बताया कि उनके पिता ने कहा था कि वह उनके लिए मर चुकी है. दरअसल, एलन मस्क के बेटे जेवियर ने साल 2022 में अपना जेंडर बदलवाया था. साथ ही अपना नाम बदलकर विवियन जेना विल्सन करवाया था.
2022 में, विवियन ने कानूनी तौर पर अपना नाम जेवियर से विवियन में बदलने और अपनी मां, जस्टिन विल्सन का सरनेम अपनाने का अनुरोध किया था. कुछ समय पहले ही विवियन ने बयान दिया था कि वह किसी भी तरह से अपने बायोलॉजिकल पिता यानी एलन मस्क से जुड़े रहना नहीं चाहते हैं.
हालांकि, इसके बाद से ही प्यूबर्टी ब्लॉकर्स को लेकर बहस शुरू हो गई है. सभी जानना चाहते हैं कि आखिर ये क्या है?
क्या है प्यूबर्टी ब्लॉकर्स?
प्यूबर्टी ब्लॉकर्स ऐसी दवाएं हैं जिनका उपयोग प्यूबर्टी के दौरान होने वाले शारीरिक बदलावों को रोकने या उनमें देरी करने के लिए किया जाता है. ये दवाएं विशेष रूप से ट्रांसजेंडर और जेंडर-डाइवर्स युवाओं को दी जाती है, जो जेंडर डिस्फोरिया का अनुभव करते हैं. जेंडर डिस्फोरिया एक ऐसी स्थिति जहां किसी व्यक्ति की जेंडर आइडेंटिटी जन्म के समय अलग होती है. प्यूबर्टी ब्लॉकर्स को वैज्ञानिक रूप से गोनैडोट्रोपिन-रिलीजिंग हार्मोन (GnRH) एनालॉग्स के रूप में जाना जाता है.
कैसे करते हैं प्यूबर्टी ब्लॉकर्स काम?
प्यूबर्टी के दौरान, बच्चे के शरीर में ऐसे परिवर्तन होते हैं जो सेक्शुअल मैच्योरिटी और रिप्रोडक्शन की क्षमता को जन्म देते हैं. ऐसे में प्यूबर्टी ब्लॉकर्स इंसानों के बनाए गए हार्मोन एनालॉग की तरह हैं. ये मूल रूप से हमारे ब्रेन को मैसेज न भेजने के लिए मूर्ख बनाते हैं. इससे शरीर में सेक्शुअल मैच्योरिटी और रिप्रोडक्श की क्षमता नहीं बनती है. इसका मतलब है कि ब्रेन ये सोचता है कि उसके पास पर्याप्त हार्मोन हैं. और ये प्रक्रिया रुक जाती है.
जेंडर पहचानने में करते हैं मदद
जिन लोगों को जेंडर डिस्फोरिया है, उन्हें प्यूबर्टी ब्लॉकर्स दिए जाते हैं. यह एक तरह का मेडिकल हस्तक्षेप है. प्यूबर्टी ब्लॉकर्स लेने से शरीर में बदलाव नहीं होते हैं और व्यक्ति को अपने असली जेंडर के बारे में पता लगाने का समय मिलता है.
अक्सर जब किसी व्यक्ति को लिंग डिस्फोरिया होता है, तो सेक्स हार्मोन को रोकने के लिए दवा दी जाती है. इस हस्तक्षेप से व्यक्ति में शारीरिक बदलाव नहीं होते. जैसे कि जन्म के समय महिलाओं में ब्रेस्ट का उभरना, पीरियड्स या पुरुषों में आवाज का गहरा होना और चेहरे पर बाल जैसी चीजों को रोका जा सकता है.