केंद्र ने बुधवार को आठ साल के लिए 6,003 करोड़ रुपये के अनुमान के साथ राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (National Quantum Mission) को मंजूरी दी. इस फैसले की घोषणा करते हुए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि इस फैसले से भारत को इस क्षेत्र में एक लंबी छलांग मिलेगी.
भारत क्वांटम टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करने वाले छह ग्लोबल देशों के बराबर होने जा रहा है. ज्यादातर देश इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास के चरण में हैं. यूएस, चीन, फ्रांस, ऑस्ट्रिया और फ़िनलैंड आर एंड डी चरण में हैं और अभी तक तकनीक के एप्लिकेशन स्टेज में दाखिल होना बाकी है. अब भारत ने भी इस एलीट क्लब में दाखिला ले लिया है.
क्या है क्वांटम तकनीक
क्वांटम तकनीक, भौतिक विज्ञान (Physics) और इंजीनियरिंग का एक क्षेत्र है जो नई तकनीकों के विकास के लिए क्वांटम मैकेनिक्स के सिद्धांतों की स्टडी करता है और उन्हें लागू करता है. क्वांटम मैकेनिक्स, फिजिक्स की वह शाखा है जो सूक्ष्म पैमाने (माइक्रोस्कोपिक स्केल) पर पदार्थ (मैटर) और ऊर्जा के व्यवहार को बताती है, जहां फिजिक्स के क्लासिकल नियम लागू नहीं होते हैं.
क्वांटम तकनीक में विभिन्न प्रकार की तकनीकें शामिल हैं, जैसे क्वांटम कंप्यूटिंग, क्वांटम क्रिप्टोग्राफी और क्वांटम सेंसिंग. जबकि क्लासिकल कंप्यूटर ट्रांजिस्टर आधारित है, क्वांटम कंप्यूटर एटम्स पर काम करने वाले हैं. क्वांटम कंप्यूटर कैलक्यूलेशन करने के लिए क्लासिकल बिट्स के बजाय क्वांटम बिट्स (qubits) का उपयोग करते हैं. क्वांटम कंप्यूटिंग का फायदा यह है कि यह ज्यादा प्रामाणिकता के साथ समस्याओं को बहुत तेजी से हल कर सकता है.
जब एन्क्रिप्शन की बात आती है तो क्वांटम तकनीक अद्वितीय सुरक्षा देती है, जिससे क्वांटम कम्यूनिकेशन हैक-प्रूफ हो जाता है. क्वांटम कम्यूनिकेशन दो स्थानों को हाई लेवल के कोड और क्वांटम क्रिप्टोग्राफी से जोड़ने के सबसे सुरक्षित तरीकों में से एक है जिसे किसी बाहरी संस्था डिक्रिप्ट या तोड़ नहीं सकती है. अगर कोई हैकर क्वांटम कम्यूनिकेशन में मैसेज को हैक करने की कोशिश करता है, तो वह अपना रूप इस तरह से बदल लेता है जिससे मैसेज भेजने वाला अलर्ट हो जाएगा और संदेश को बदल दिया जाएगा या हटा दिया जाएगा. इस तरह से क्वांटम तकनीक हमारे लिए बहुत ज्यादा काम की है.
क्या है राष्ट्रीय क्वांटम मिशन
राष्ट्रीय क्वांटम मिशन के हिस्से के रूप में, केंद्र ने कहा कि इस क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को बढ़ावा देने के लिए देश भर के विभिन्न संस्थानों में चार विषयगत केंद्र स्थापित किए जाएंगे. इस मिशन के नेतृत्व के लिए साइंस ओर टेक्नोलॉजी विभाग के अंतर्गत एक मिशन निदेशक करेगा. केंद्र एक मिशन सचिवालय बनाएगा, जिसमें क्वांटम क्षेत्र के वैज्ञानिकों के नेतृत्व में काम करने के लिए एक गवर्निंग बॉडी होगी. मिशन टेक्नोलॉजी रिसर्च काउंसिल इस गवर्निंग बॉडी के लिए एक वैज्ञानिक सलाहकार निकाय के रूप में काम करेगी.
मिशन के लिए आठ साल लंबे फ्रेमवर्क को आउटलाइन करते हुए केंद्र ने कहा कि यह अगले तीन वर्षों में 2000 किलोमीटर की दूरी पर 20-50 क्विबिट क्वांटम कंप्यूटर और क्वांटम कम्यूनिकेशन विकसित करने पर काम करेगा. इसके साथ ही, भारत सूचना और प्रौद्योगिकी के मामलों में अग्रिम देशों में शामिल हो जाएगा. इसका फिजिकल और इंजीनियरिंग क्षेत्र से परे हेल्थकेयर और अन्य क्षेत्रों में भी उपयोग होगा.