इंसानों की गतिविधियों ने दुनिया को गहराई से बदल दिया है. अब नए युग की शुरुआत हो गई है. ऐसा वैज्ञानिकों का मानना है. वैज्ञानिकों ने एक भूवैज्ञानिक स्थल की भी खोज की है, जिसमें बारे में कहा जा रहा है कि ये एंथ्रोपोसीन नाम के प्रस्तावित नए युग को दिखाता है. वैज्ञानिकों की ये खोज धरती के इतिहास के टाइमलाइन को बदलने की दिशा में बड़ा कदम है. वैज्ञानिकों का मानना है कि एंथ्रोपोसीन नाम का नया युग 1950 से 1954 के बीच किसी समय शुरू हुआ है. एंथ्रोपोसीन शब्द का पहली बार इस्तेमाल साल 2000 में हुआ था.
35 वैज्ञानिकों का ग्रुप कर रहा काम-
एंथ्रोपोसीन को प्लानेट टाइम स्केल का हिस्सा बनाने के लिए एक ग्रुप साल 2009 से काम कर रहा है. इसे एंथ्रोपोसीन वर्किंग ग्रुप नाम दिया गया है. इसमें 35 भूवैज्ञानिक हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि नया युग 1950 से 1954 के बीच शुरू हो गया है. वैज्ञानिकों ने कनाडा के ओंटारियो की क्रॉफर्ड झील की तलहटी के एनालिसिस किया. इसमें जीवाश्म ईंधन के जलने, परमाणु हथियारों के विस्फोट और प्लास्टिक के डंपिंग के नतीजे समाहित हैं. ग्रुप के सदस्य एंडी कुंडी ने एएफपी से कहा कि ये डेटा 20वीं सदी के मध्य में एक स्पष्ट बदलाव को दिखाता है, जो धरती के सिस्टम को होलोसीन की सामान्य सीमा से बाहर ले गया है. आपको बता दें कि होलोसीन युग आखिरी हिमयुग के अंत में 11700 साल पहले शुरू हुआ था. हालांकि हर वैज्ञानिक एंथ्रोपोसीन को एक भूवैज्ञानिक वास्तविकता या एक नया युग घोषित करने पर सहमत नहीं है.
क्या है एंथ्रोपोसीन युग-
एंथ्रोपोसीन युग शब्द का पहली बार इस्तेमाल साल 2000 में नोबेल पुरस्कार विजेता रसायन वैज्ञानिक पॉल क्रुटजेन और जीव विज्ञानी के प्रोफेसर यूजीन स्टोएमर ने किया था. उन्होंने मौजूदा जियोलॉजिकल टाइम इंटरवल को दर्शाने के लिए इस शब्द का इस्तेमाल किया था, जिसमें इंसानों की गतिविधियों के चलते धरती का इकोसिस्टम पूरी तरह से बदल गया है. इसी दौर में औद्योगिक क्रांति की शुरुआत हुई थी.
रिसर्च में वैज्ञानिकों का क्या मिला-
एंथ्रोपोसीन युग की शुरुआत 1950 के आसपास माना गया है. इसी समय परमाणु हथियारों की शुरुआत हुई थी, जिससे प्लूटोनियम के भू-रासायनिक निशान दुनिया भर में पाए जा सकते हैं. तब से वैज्ञानिकों ने दुनियाभर की 12 साइटों पर विचार किया है, जो उनके प्रस्ताव के समर्थन में जरूरी साक्ष्य प्रदान कर सकते हैं. इन 12 जगहों में से 9 पर वोटिंग हुई. वैज्ञानिकों ने कनाडा के ओंटारियो की क्रॉफर्ड झील को एंथ्रोपोसीन के भूवैज्ञानिक प्रभाव को पकड़ने वाला सबसे अच्छी साइट माना. क्रॉपर्ड झील 79 फीट गहरा और 25800 वर्ग फीट चौड़ा है. एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के ब्रॉक विश्वविद्यालय के प्रोफेसर फ्रांसिन मैक्कार्थी ने कहा कि 1950 के आसपास के समय से वाटर बॉडी में कई अहम संकेत मिलने लगे हैं, जिससे पता चलता है कि इंसानों की गतिविधियों का धरती पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है. AWG की अगले महीने इंटरनेशनल कमीशन ऑन स्ट्रैटिग्राफी के एक निकाय एसक्यूएस के सामने पेश करने की योजना है.
धरती का इतिहास कई युगों में विभाजित-
भूवैज्ञानिक हमारे ग्रह के इतिहास को कई तरह के युगों और उसके अंदर भी युगों में बांटते हैं. प्लानेट जियोलॉजिकल टाइम स्केल को 5 श्रेणियों में बांटा गया है. इसमें eons, epochs, eras, periods, epochs और ages शामिल है. eon जियोलॉजिकल टाइम की सबसे व्यापक श्रेणी है, जबकि age सबसे छोटी श्रेणी है. इसमें से हर कैटेगरी को सब-कैटेगरी में बांटा गया है. जैसे धरती के इतिहास को 4व युगों में बांटा गया है. इसमें हेडियन, आर्कियन, प्रोटेरोजोइक और फैनरोजोइक शामिल है. इस समय हम मेघालयन युग में रहते हैं, जो होलोसीन युग का हिस्सा है, जो 11700 साल पहले आखिरी हिमयुग के खत्म होने के बाद शुरू हुआ है. होलोसीन युग चतुर्धातुक काल का हिस्सा है और ये 53 करोड़ साल का होगा.
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