हाइड्रोजन साफ एनर्जी (Clean energy) का सबसे अच्छा सोर्स है. लेकिन हाइड्रोजन बनाने के लिए आमतौर पर बहुत ज्यादा ऊर्जा और फैंसी प्रयोगशालाओं की जरूरत होती है. अब फ्रांस के दो वैज्ञानिकों ने कुछ ऐसी ही खोज की है. इसकी मदद से धरती को जलवायु परिवर्तन से बचाया जा सकता है. फ्रांस के नेशनल सेंटर ऑफ साइंटिफिक रिसर्च के जैक्स पिरोनोन और फिलिप डी डोनाटो को बड़ी मात्रा में "सफेद हाइड्रोजन" मिली है. ये करीब 6 मिलियन से 250 मिलियन मीट्रिक टन के बीच बताई जा रही है.
सफेद हाइड्रोजन क्या है?
दरअसल, सफेद हाइड्रोजन एक प्रकार की हाइड्रोजन है जो प्राकृतिक रूप से पाई जाती है. यह वैज्ञानिकों के लिए काफी नई है. लैब में बनी हाइड्रोजन के विपरीत, सफेद हाइड्रोजन को बनाने के लिए बहुत ज्यादा एनर्जी की जरूरत नहीं होती है.
बता दें, वैज्ञानिक सोचते थे कि बहुत सारा प्राकृतिक हाइड्रोजन नहीं मिल सकता है. लेकिन अब ये मिला है जिससे सभी काफी आशावादी हो गए हैं. इसकी मदद से धरती को बचाया जा सकता है.
अलग-अलग हो सकते हैं हाइड्रोजन के रंग
हाइड्रोजन के अलग-अलग "रंग" हो सकते हैं. सफेद हाइड्रोजन एक प्राकृतिक प्रकार है जो धरती की क्रस्ट से आता है. दूसरे रंग, जैसे हरा और ग्रे हाइड्रोजन, लैब में बनती हैं और उन्हें बनाने में बड़ी मात्रा में एनर्जी का इस्तेमाल किया जाता है. ग्रीन हाइड्रोजन पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग-अलग करने से बनता है. जबकि ग्रे हाइड्रोजन मीथेन गैस से बनती है.
पर्यावरण के लिए अच्छा है ये
हाइड्रोजन ठंडी होती है क्योंकि जब आप इसे जलाते हैं तो यह पानी में बदल जाती है, जो पर्यावरण के लिए अच्छा है. सफेद हाइड्रोजन और भी ठंडा है क्योंकि यह प्राकृतिक है और इसमें ज्यादा एनर्जी की भी जरूरत नहीं पड़ने वाली है. इसीलिए विशेषज्ञों का मानना है कि यह धरती को जलवायु परिवर्तन से बचाने में मदद कर सकती है. उतना ही नहीं इसे बनाना सस्ता भी है - एक किलोग्राम के लिए लगभग $1 लगते हैं जबकि ग्रीन हाइड्रोजन की लागत लगभग $6 प्रति किलोग्राम होती है.