मंगलवार को नासा ने एक स्पेसवॉक को ‘स्पेस डेबरिस’ मतलब कि अंतरिक्ष में मौजूद कचरे/मलबे के खतरे के कारण टाल दिया. यह मलबा अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के बहुत करीब आ सकता है.
बताया जा रहा है कि नासा के दो अंतरिक्ष यात्री स्पेससूट पहनकर आईएसएस से बाहर निकलने वाले थे ताकि वे एंटीना को ठीक कर सके. इस एंटीना को ठीक करने में लगभग साढ़े छह घंटे का समय मिलेगा. लेकिन नासा ने मंगलवार तड़के घोषणा की कि उन्हें एक रात पहले स्पेस डेबरिस की सुचना मिली थी.
हालांकि, इस बात का खुलासा नहीं किया गया कि यह सुचना क्या थी? स्पेस डेबरिस आईएसएस से कितना दूर या पास है? यह कब आईएसएस से गुजर सकता है? लेकिन अब दोनों एस्ट्रोनॉट फिर किसी दिन स्पेस वॉक के लिए निकलेंगे.
क्या है स्पेस डेबरिस:
अंतरिक्ष में मलबे की मात्रा पिछले कई सालों से बढ़ रही है. अब सवाल है कि यह स्पेस डेबरिस या मलबा या कचरा है क्या? हर साल कोई न कोई देश अंतरिक्ष में परीक्षण करता है. और हर बार ये परीक्षण सफल नहीं होते हैं. कभी अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में ही टूट जाते हैं या बेकार सैटेलाइट अंतरिक्ष में एक-दूसरे से टकराकर क्षतिग्रस्त हो जाते हैं.
इसके अलावा देशों द्वारा भेजी जाने वाली एंटी-सैटेलाइट मिसाइल सैटेलाइट को हजारों टुकड़ों में तोड़ देती है. यह सब कचरा सालों से अंतरिक्ष में ही घूम रहा है. और ये सैटेलाइट या अंतरिक्ष यान के टुकड़े इतनी तेजी से अंतरिक्ष में घूम रहे हैं कि अगर कभी आईएसएस से टकराएं तो इसमें छेद कर सकते हैं.
2020 में, तीन बार ऐसा हुआ जब खुद को डेबरिस से बचाने के लिए आईएसएस को इसके रास्ते से हटना पड़ा. और इस साल जून में स्पेस डेबरिस के एक टुकड़े से स्पेसवॉक में मदद करने वाली आईएसएस की रोबोटिक आर्म में छेद हो गया था.
रूस के मिसाइल टेस्ट से बढ़ी डेबरिस की मात्रा:
कहा जा रहा है कि 15 नवंबर को रूस द्वारा किए गए एक मिसाइल टेस्ट ने एक पुराने रुसी स्पेसक्राफ्ट को उड़ा दिया था. इस कारण स्पेस डेबरिस की मात्रा और ज्यादा बढ़ गई है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि नासा द्वारा स्पेसवॉक को टालने का कारण इसी रुसी स्पेसक्राफ्ट का डेबरिस है या नहीं.
लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि स्पेस डेबरिस सभी के लिए खतरा बना हुआ है. लगभग सभी देश इस बारे में रिसर्च कर रहे हैं कि इसके निपटान या इससे बचाव के क्या तरीके हो सकते हैं.