वट पूर्णिमा 2022 के दिन इस साल का पहला सुपरमून दिखने जा रहा है. बार सुपरमून का रंग स्ट्रॉबेरी होने वाला है. जिसके चलते इसे स्ट्रॉबेरी सुपरमून कहा जा रहा है. नेशनल एरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (NASA) के अनुसार वैट पूर्णिमा के दिन स्ट्रॉबेरी सुपरमून दिखाई देगा, वहीं इस दिन भारत में वट पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है. 14 जून को स्ट्रॉबेरी सुपरमून सुबह 7:52 बजे EDT (5:22 बजे IST) दिखाई देगा.
क्या है सुपरमून
पूर्णिमा के दिन जब चन्द्रमा की अंडाकार कक्षा में पृथ्वी के निकटतम दृष्टिकोण के साथ मेल खाती है तब सुपरमून होता है. वहीं इसे पेरिगी के रूप में जाना जाता है. इस दौरान चन्द्रमा पृथ्वी से करीब 2,26,000 मील की दूरी पर होता है. इस दौरान चन्द्रमा अपने सामान्य आकार से बड़ा दिखाई देता है. इसके साथ इस दौरान चन्द्रमा काफी चमकीला भी दिखाई देता है. सुपरमून एक साल में तीन से चार बार दिखाई देता है.
स्ट्रॉबेरी सुपरमून
सुपरमून शब्द को सबसे पहले 1979 में ज्योतिषी रिचर्ड नोल द्वारा इस्तेमाल किया गया था. सुपरमून को कुछ मूल अमेरिकी जनजातियों ने इस पूर्णिमा को "स्ट्रॉबेरी मून" कहते है. उनके अनुसार स्ट्रॉबेरी सुपरमून दिखाई देने का मतलब है कि यह पकने वाली स्ट्रॉबेरी और अन्य फलों को इकट्ठा करने के लिए एक समय का संकेत देता है. वहीं स्ट्रॉबेरी सुपरमून अमेरिका वासियों के लिए मून बसंत की आखिरी पूर्णिमा या गर्मियों की पहली पूर्णिमा को चिन्हित करता है.
वट पूर्णिमा 2022
भारत में इस दिन वट पूर्णिमा मनाई जाती है. इस दिन विवाहित महिलाएं एक बरगद के पेड़ के चारों ओर एक औपचारिक धागा बांधकर अपने पति के प्रति अपने प्रेम का इजहार करती है. इसके साथ वह अपने पति की लम्बी आयु की भी कामना करती है. वहीं यह व्रत सावित्री और सत्यवान की कथा पर आधारित है.