Wing Commander Shubhansu Shukla:विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला को भारत-अमेरिका के संयुक्त स्पेस मिशन के लिए चुना गया है. शुभांशु शुक्ला इंडो-यूएस के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन मिशन में प्राइम एस्ट्रोनॉट होंगे.
बीती शुक्रवार को इसरो ने घोषणा करते हुए बताया कि इंटरनेशनल स्पेश स्टेशन को लेकर एक्सियोम-4 मिशन के लिए ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर ने एक्सिओम स्पेस इंक, यूएसए के साथ एक स्पेस फ्लाइट एग्रीमेंट किया.
नेशनल मिशन एग्रीमेंट बोर्ड ने इंटरनेशनल स्पेस सेंटर में भारत की तरफ से प्राइम एस्ट्रोनॉट के लिए विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला के नाम का सुझाव दिया. इसके अलावा सहायक के रूप में ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर को चुना गया है.
इंटरनेशनल स्पेस सेंटर में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला कौन हैं? आइए विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला के बारे में अच्छे से जानते हैं.
कौन हैं विंग कमांडर शुभाशु शुक्ला?
शुभांशु एक कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट हैं. साल 2006 में शुभांशु शुक्ला फाइटर पायलट के लिए चुने गए थे. शुभांशु शुक्ला को फाइटर पायलट का 16 साल का अनुभव है. अपनी सर्विस के दौरान विंग कमांडर ने 2 हजार घंटे से फ्लाइंग की है.
शुरुआती जिंदगी
विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में त्रिवेणीनगर के रहने वाले हैं. शुभांशु का जन्म 10 अक्तूबर 1985 को हुआ था. शुभांशु की शुरुआती पढ़ाई सीएमएस अलीगंज से हुई है.
शुभांशु तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. फैमिली में शुभांशु को प्यार से गुंजन नाम से बुलाते हैं. शुभांशु शुक्ला का एक चार साल का बेटा भी है.
वायु सेना में शुभांशु
शुभांशु शुक्ला 17 जून 2006 में भारतीय वायु सेना में शामिल हुए थे. जल्दी ही शुभांशु फाइटर कॉम्बैट लीडर और टेस्ट पायलट बन गए. शुभांशु को कई फाइटर एयरक्राफ्ट उड़ाने का अनुभव है. इनमें मिग-21, मिग-29 और जैगुआर जैसै कई एयरक्राफ्ट शामिल हैं.
इसी साल 17 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने तिरुवंतपुरम विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर में गगनयान मिशन के लिए विंग कमांडर शुभांशु शुक्ला के नाम की घोषणा की थी. इस मिशन के लिए तीन और लोगों को भी चुना गया था.
गगनयान
गगनयान भारत का पहला ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन है. ये मिशन साल 2025 में लॉन्च किया जाएगा. गगनयान मिशन में एक दल को तीन दिनों के लिए धरती से 400 किमी. ऊपर ऑर्बिट में भेजा जाएगा. इसके बाद उनको वापस लौटना होगा.
आपको बता दें कि भारत-अमेरिका के इस संयुक्त मिशन में शुभांशु शुक्ला के साथ ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर भी होंगे. बालकृष्णन नायर ए कैटेगरी के फ्लाइंग इंस्ट्रक्टर हैं.
ग्रुप कैप्टन नायर को 3 हजार घंटे की उड़ान का अनुभव है. शुभांशु शुक्ला की तरह बालकृष्णन नायर भी एक टेस्ट पायलट हैं. ग्रुप कैप्टन प्रशांत बालकृष्णन नायर ने सुखोई, मिग-21, मिग-29 और हॉक समेत कई फाइटर विमान उड़ाए हैं.