क्या आपने कभी नोटिस किया कि आप अंधेरे में अपने फोन को स्क्रॉल कर रहे हों और अचानक से उस पर कोई भिनभिनाते कीड़ा आ जाता है. या फिर कभी आपने देखा हो कि कीड़ों का एक विशाल झुंड स्ट्रीट लाइट के चारों ओर उड़ रहे हैं? बता दें कि कीड़े दिन के दौरान एक स्तर पर उड़ते हैं, रात में ऑर्टिफिशियल लाइट की में उनकी फ्लाइट के रास्ते को ट्रैक करना पूरी तरह से अप्रत्याशित हो जाता है. हम जानते हैं कि पतंगे और कीड़े-मकोड़े कृत्रिम प्रकाश की ओर आकर्षित होते हैं, लेकिन हम इसके पीछे के तंत्र को नहीं जानते थे.
शोधकर्ताओं की एक टीम ने अब दावा किया है कि वह अंतर्निहित नेविगेशनल नाइटमेयर को समझ लिया है जो अंधेरे में प्रकाश की उस कल्पना की ओर कीड़ों को आकर्षित करता है और उन्हें निडर बना देता है.
क्या है नया अध्ययन?
एक लंबे समय से थ्योरी चली आ रही है कि कीट प्रकाश को चंद्रमा या एक खगोलीय वस्तु से आने वाला मानते हैं, जो उनकी नेविगेशनल सेंस को स्क्रैम्बल करता है, जिससे वे प्रकाश के चारों ओर बिखरे हुए पैटर्न में उड़ते हैं. लेकिन नई व्याख्या कहीं अधिक वैज्ञानिक है. इंपीरियल कॉलेज लंदन और फ्लोरिडा इंटरनेशनल यूनिवर्सिटी के जीवविज्ञानियों ने बताया कि कीड़े कृत्रिम प्रकाश को अंधेरे में खुले आसमान से आने वाला मानते हैं और उस व्याख्या में, वे खुद को एक ऊपर और नीचे धुरी के साथ परिचित करते हैं. वृत्ति तब उन्हें प्रकाश की ओर वापस जाने के लिए प्रेरित करती है, जिससे ऐसा लगता है कि वो ऊपर-नीचे, आगे पीछे बिना किसी डायरेक्शन के उड़ रहे हों.
वैज्ञानिकों ने पाया कि कीट-पतंगे रोशनी को फॉलो नहीं करते बल्कि उनकी तरफ पीठ कर लेते हैं. क्योंकि ये उन्हें अपना रास्ता पहचानने में मदद करता है. इसका मतलब ये हुआ कि आर्टिफिशियल लाइट्स उन्हें एक तरह से अपने पाथ से कंफ्यूज करती हैं क्योंकि कीट चंद्रमा की रोशनी का इस्तेमाल अपना रास्ता जानने के लिए करते हैं. टीम ने ऑर्टिफिशियल लाइट के आसपास कीट उड़ानों के 3डी कीनेमेटीक्स को फिर से बनाने के लिए लैब में उच्च-रिज़ॉल्यूशन मोशन कैप्चर और क्षेत्र में स्टीरियो-वीडियोग्राफी का इस्तेमाल किया. उन्होंने कोस्टा रिका की लैब और जंगलों में प्रकाश बल्बों के चारों ओर उड़ने वाली पतंगों, तितलियों की उड़ानों पर नजर रखी. उन्होंने देखा कि कभी-कभी कीड़े एक स्टाल में ऊपर की ओर झुक जाते हैं, जबकि अन्य समय में बल्ब के ऊपर से गुजरते हुए उल्टा पलट जाता हैं.
कीट के लिए खतरा है आर्टिफिशियल लाइट
एंटोमोलॉजिस्ट पहले से ही जानते हैं कि दिशात्मक प्रवृत्ति के कारण कीट दिन के समय उड़ सकते हैं और अपनी पीठ को सूर्य के प्रकाश की ओर प्वाइंट करने में सक्षम होते हैं. हालांकि, नए अध्ययन से पता चलता है कि वे अंधेरे में कृत्रिम प्रकाश की उपस्थिति में इस क्षमता को खो देते हैं. वैज्ञानिक पहले ही आगाह कर चुके हैं कि बढ़ती कृत्रिम रोशनी के कारण दुनिया भर में कीड़े तेजी से घट रहे हैं. जबकि पर्यावास का छिनना, कीटनाशकों का उपयोग, आक्रामक प्रजातियों और जलवायु परिवर्तन ने कीट संख्या में गिरावट में योगदान दिया है, जो प्रकृति के संतुलन के लिए महत्वपूर्ण है.