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Summer Solstice 2023: 21 जून को क्यों होता है साल का सबसे लंबा दिन

21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है. आमतौर पर भारत में 21 जून को 14 घंटे का दिन होता है. इसके बाद से दिन के घंटे कम होते जाते हैं और रातें लम्बी होती जाती हैं.

21 जून को क्यों होता है साल का सबसे लंबा दिन 21 जून को क्यों होता है साल का सबसे लंबा दिन

ग्रीष्म संक्रांति यानी Summer Solstice एक खगोलीय घटना है जो हर साल जून के महीने में होती है. इसे उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में साल का सबसे लंबा दिन और दक्षिणी गोलार्ध (Southern Hemisphere) में सबसे छोटा दिन माना जाता है. Solstice शब्द की उत्पत्ति दो लैटिन शब्दों से हुई है. 'सोल' का अर्थ है सूर्य और 'सिस्टर' का अर्थ है स्थिर रहना. ग्रीष्म संक्रांति के दौरान, पृथ्वी की धुरी सूर्य की ओर अधिक झुकी होती है, जो इस घटना के दौरान अपने उच्चतम बिंदु पर होती है.

उत्तरी गोलार्ध में, समर सोलस्टाइस की तिथि हर साल थोड़ी बदल सकती है, लेकिन आम तौर पर यह जून के महीने में लगभग 20 या 21 तारीख को मनाया जाता है. यह इस गोलार्ध में गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है.

ग्रीष्म संक्रांति 2023: तिथि और समय
इस वर्ष, ग्रीष्म संक्रांति बुधवार, 21 जून 2023 को भारत में शाम 8 बजकर 27 मिनट पर, ब्रिटेन में दोपहर 3:58 बजे और अमेरिका में 10:58 पूर्वाह्न ET / 7:58 पूर्वाह्न PT होगी. यह आमतौर पर हर साल 20 से 22 जून के बीच आता है.

ग्रीष्म संक्रांति वर्ष का सबसे लंबा दिन क्यों है?
ग्रीष्म संक्रांति वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है क्योंकि पृथ्वी की धुरी सूर्य की ओर अधिक झुकी होती है. धरती अपने ऑर्बिटल प्लेन (अक्ष) पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी होती है. इस वजह से, सूर्य के चारों ओर घूमने के दौरान धरती पर सीधी रोशनी पड़ती है.

उत्तरी गोलार्ध (Northern Hemisphere) में ग्रीष्म संक्रांति के दौरान उत्तरी ध्रुव (North Pole) का झुकाव सूर्य की ओर सबसे अधिक होता है. कर्क रेखा (Tropic of Cancer) पर, जो लगभग 23.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर स्थित है, इस झुकाव के चलते सूरज की सीधी रोशनी पड़ती है. यही वजह है कि उत्तरी गोलार्ध में साल का सबसे लंबा दिन और सबसे सीधी धूप का अनुभव होता है.