scorecardresearch

चीन के वैज्ञानिकों का अनोखा कमाल, तैयार किया जंगली आर्कटिक भेड़िया का क्लोन, नाम दिया गया माया

चीन की एक कंपनी ने वाइल्ड लाइफ के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. बीजिंग स्थित एक फर्म ने पहली बार एक जंगली आर्कटिक भेड़िया का क्लोन तैयार किया है. इसे लैब में तैयार किया गया है.

Wild Arctic Wolf Maya (Photo: Twitter) Wild Arctic Wolf Maya (Photo: Twitter)

बीजिंग स्थित जीन फर्म ने दुनिया में पहली बार एक जंगली आर्कटिक भेड़िया का सफलतापूर्वक क्लोन बनाया है. आर्कटिक वुल्फ को व्हाइट वुल्फ या पोलर वुल्फ के रूप में भी जाना जाता है. ये कनाडा के क्वीन एलिजाबेथ द्वीप समूह के हाई आर्कटिक टुंड्रा के मूल निवासी हैं. 

तकनीक के माध्यम से इस जानवर की क्लोनिंग, दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों के संरक्षण में एक मील का पत्थर साबित हो सकता है. 

साल 2020 से कर रहे इस दिशा में काम
ग्लोबल टाइम्स ने बीजिंग स्थित सिनोजीन बायोटेक्नोलॉजी कंपनी के महाप्रबंधक एमआई जिदोंग के हवाले से बताया कि लुप्तप्राय जानवर को बचाने के लिए, उन्होंने 2020 में आर्कटिक भेड़िये की क्लोनिंग पर हार्बिन पोलरलैंड के साथ रिसर्च शुरू की थी. दो साल के प्रयासों के बाद, आर्कटिक भेड़िये को सफलतापूर्वक क्लोन किया गया है. 

यह दुनिया में अपनी तरह का पहला मामला है. कंपनी ने इस क्लोन को माया नाम दिया है. और रिपोर्ट्स के मुताबिक यह भेड़िया अच्छी सेहत में है. भेड़िये की डोनर सेल एक जंगली मादा आर्कटिक भेड़िये की स्किन सैंपल से आई थी और उसकी अंडाणु मादा कुत्ते से ली गई थी. 

बीगल थी इस क्लोन की सरोगेट मां 
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, माया की सरोगेट मां एक बीगल, कुत्ते की नस्ल थी. कुत्ते को सरोगेट के रूप में इसलिए चुना गया क्योंकि यह प्राचीन भेड़ियों के साथ आनुवंशिक वंश साझा करता है और इसलिए, क्लोनिंग की सफलता के ज्यादा चांस थे. 

सेल, टिश्यू आदि सहित जीवित जीवों की प्रतियां (कॉपी) बनाने की प्रक्रिया को क्लोनिंग कहते हैं. इसका उपयोग पहली बार 1996 में एक स्कॉटिश वैज्ञानिक द्वारा एक जानवर बनाने के लिए किया गया था. पहली बार एक डॉली नाम की भेड़ बनाई गई थी.