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स्टडी: लाइफ में रिस्क लेने से घबराती हैं महिलाएं, किसी भी परिस्थिति में पुरुष होते हैं ज्यादा आशावादी

अध्ययन में यह भी पाया गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा आशावादी होते हैं, जिससे वे लाइफ में और करियर में रिस्क लेने को तैयार रहते हैं. शोध में पाया गया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के लिए आय का नुकसान कम दर्दनाक है, लिंगों के बीच इनकम गेन के मनोवैज्ञानिक प्रतिक्रियाओं में कोई अंतर नहीं है.

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हाइलाइट्स
  • नुकसान को लेकर ज्यादा सोचती हैं महिलाएं

  • हाई पे स्केल वाली जॉब में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम

लाइफ में जब रिस्क लेने की बात आती है तो महिलाएं पुरुषों के मुकाबले में पिछड़ जाती हैं. ब्रिटेन में हुए एक शोध में दावा किया गया है कि पुरुषों की तुलना में महिलाएं कम जोखिम लेती हैं क्योंकि वे किसी भी नुकसान के प्रति अधिक संवेदनशील हैं. ब्रिटेन में हुए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. यह अध्ययन ब्रिटिश जर्नल ऑफ साइकोलॉजी में प्रकाशित हुआ है. अध्ययन में यह भी पाया गया है कि महिलाओं की तुलना में पुरुष ज्यादा आशावादी होते हैं, जिससे वे लाइफ में और करियर में रिस्क लेने को तैयार रहते हैं.
 

हाई पे स्केल वाली जॉब में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम

जोखिम लेने में लिंगों के बीच के अंतर से पता चलता है कि क्यों महिलाओं के बिजनेसवुमन होने की संभावना कम है. हाई पे स्केल वाली नौकरियों, टॉप मैनेजमेंट में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम है. इसके साथ ही इक्विटी बाजारों में उनके द्वारा निवेश करने की संभावना भी कम है. आसानी भाषा में कहें तो महिलाएं वहां पैसा लगाने से बचती हैं, जहां इसके डूबने के चांस ज्यादा हों.

नुकसान को लेकर ज्यादा सोचती हैं महिलाएं

शोध में कहा गया है कि महिलाएं अनुकूल परिणामों की संभावना के बारे में कम आशावादी हैं और पुरुषों की तुलना में अपनी क्षमताओं में कम विश्वास रखती हैं. महिलाएं अक्सर जोखिम लेने से पहले सोच विचार करती हैं कि कितना नुकसान हो सकता है. इस रिसर्च के बाद भी शोधकर्ता अभी भी इस बारे में बहुत कम जानते हैं कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में कम जोखिम क्यों उठाती हैं. 

पुरुषों के लिए आय का नुकसान कम दर्दनाक

इस रिसर्च के लिए शोधकर्ताओं ने 13,575 लोगों के एक सर्वे का आंकड़ा लिया. जोखिम भरे विकल्पों के बारे में सोचते समय, लोग कुछ खोने की संभावना का मूल्यांकन करने के साथ-साथ ये आकलन भी करते हैं कि वो नुकसान कितना दर्दनाक होगा. पुरुषों से ठीक उलट महिलाएं खोने की संभावना पर ज्यादा ध्यान लगाती हैं. शोध में पाया गया कि महिलाओं की तुलना में पुरुषों के लिए आय का नुकसान कम दर्दनाक है. यह पूछे जाने पर कि अब से एक साल बाद वे खुद को आर्थिक रूप से कैसे देखते हैं? पुरुषों का जवाब महिलाओं की तुलना में ज्यादा आशावादी था. हालांकि शोध इस बात की तरफ भी इशारा करता है कि  महिलाओं की तुलना में पुरुष अपनी क्षमताओं को लेकर ओवरकॉन्फिडेंट हो सकते हैं.