दक्षिणी अमेरिकी देश चिली की सुनसान घाटी में एक प्राचीन पेड़ है, इस बड़े पेड़ को देखकर ये मालूम पड़ता है जैसे इस पेड़ ने अपने ऊपर पूरा आसमान ओढ़ रखा है. दावा ये भी है कि ये पेड़ दुनिया का सबसे पुराना पेड़ हो सकता है. इस पेड़ का नाम 'ग्रैन अबुएलो है. वहीं एक नए कंप्यूटर मॉडल से इस पेड़ के 5400 साल पुराने होने का दावा किया जा रहा है, लेकिन इस पेड़ को सबसे पुराना पेड़ करार देने के लिए और भी सबूत और साक्ष्य की जरूरत है. अगर ये सभी साक्ष्य मिल जाते हैं तो ये पेड़ धरती का सबसे पुराना पेड़ साबित हो जाएगा.
दरअसल ग्रैन अबुएलो की सही उम्र को लेकर अभी तक कशमकश है.. क्योंकि पेड़ की सही उम्र का पता लगाने के लिए डेंड्रोक्रोनोलॉजी विधि से इसकी जांच अभी तक नहीं हुई है. ग्रैन अबुएलो का वर्तमान का डाटा अभी अधूरा है. इस मॉडल के लिए इस्तेमाल किए गए डेटा को अभी पब्लिक नहीं किया गया है.
संकट में है पेड़
वहीं पेरिस में क्लाइमेट एंड एनवायर्नमेंट साइंसेज लेबोरेटरी के एक जलवायु वैज्ञानिक का कहना है कि भले ही पेड़ की सही उम्र का पता अभी तक नहीं चल पाया हो लेकिन ये पेड़ खतरे में है और इसे संरक्षित करने की जरूरत है. वैज्ञानिक का मानना है कि टूरिज्म की वजह से इस पेड़ पर खतरा मंडरा रहा है, साथ ही क्लाइमेंट चेंज का भी इस पेड़ पर गहरा असर पड़ा है.
कितना पुराना है पेड़
चिली के एलर्स कॉस्टेरो नेशनल पार्क में मौजूद ग्रैन अबुएलो एलर्स (Alerce) पेड़ की प्रजाति है. ये पेड़ लगभग 60 मीटर उंचा है. शुरू में इस पेड़ को 3500 साल पुराना माना गया लेकिन 2020 में जोनाथन और उनके सहयोगियों ने पाया कि इस पेड़ के छल्ले 2465 साल पुराने हैं. अब कंप्यूटर मॉडल से ये माना जा रहा है कि पेड़ 5400 साल पुराना है.