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Year Ender 2022: भारत के पहले निजी रॉकेट लॉन्चिंग से लेकर NASA का DART Mission तक, जानिए साल 2022 में स्पेस साइंस की बड़ी घटनाएं

Year Ender: साल 2022 में स्पेस साइंस में वैज्ञानिकों ने कई उपलब्धियां हासिल की. एक तरफ NASA ने डार्ट मिशन और आर्टेमिस-1 को सफलता पूर्वक लॉन्च किया तो दूसरी तरफ ISRO ने भारत का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस को स्पेस में भेजा. इतना ही नहीं, चीन ने अपना स्पेस स्टेशन तियांगगोंग बना लिया है. इसमें चीनी स्पेस यात्री रह रहे हैं. यूक्रेन-रूस युद्ध का असर भी स्पेस में चल रहे प्रोजेक्ट्स पर दिखाई दिया.

साल 2022 की स्पेस साइंस की बड़ी घटनाएं (Twiiter/NASA) साल 2022 की स्पेस साइंस की बड़ी घटनाएं (Twiiter/NASA)
हाइलाइट्स
  • साल 2022 में भारत ने पहला निजी रॉकेट लॉन्च किया

  • नासा ने डार्ट मिशन लॉन्च किया

साल 2022 में स्पेस साइंस में वैज्ञानिकों ने कई उपलब्धियां हासिल की. नासा, इसरो समेत तमाम देशों की एजेंसियों ने अंतरिक्ष में कई मिशन को लॉन्च किया और सफलता हासिल की. एक तरफ भारत के Mangalyaan Mission का अंत हुआ. तो दूसरी तरफ इसरो ने पहली बार निजी रॉकेट को स्पेस में लॉन्च किया. उधर, NASA ने DART Mission और  Artemis-1 Moon Mission लॉन्च किया. चलिए आपको बताते हैं कि साल 2022 में दुनिया ने स्पेस में क्या कुछ किया और क्या-क्या सफलताएं मिली.

JWST की सफल लॉन्चिंग-
अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA ने जेम्स वेब स्पेस टेलिस्कोप को सफलतापूर्वक लॉन्च किया. इसमें यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने मदद की. हालांकि ये लॉन्चिंग साल 2021 के आखिरी महीने की 25 तारीख को हुई थी. लेकिन इससे तस्वीरों का मिलना साल 2022 में शुरू हुआ. JWST लगातार ब्रह्मांड की तस्वीरें भेज रहा है. JWST ने शनि ग्रह के सबसे बड़े चांद टाइटन की भी तस्वीरें भेजी हैं. इस स्पेस टेलिस्कोप के जरिए ब्रह्मांड में मौजूद आकाशगंगाओं, एस्टेरॉयड, ब्लैक होल्स, एलियन ग्रह और दूसरे ग्रहों की खोज में मदद मिलेगी. JWST को बनाने में 10 हजार वैज्ञानिकों ने काम किया था.

मंगलयान मिशन का अंत-
इस साल ISRO के Mangalyaan Mission का अंत हो गया. 8 साल 8 दिन के बाद इस मिशन का ईंधन और बैटरी खत्म हो चुकी है. मंगलयान 24 सितंबर 2014 को मंगल ग्रह की कक्षा में पहुंचा था और इस मिशन को सिर्फ 6 महीने के लिए भेजा गया था. लेकिन इसने लगातार 8 साल तक शानदार काम किया. मंगलयान अपनी तय उम्र से 16 गुना ज्यादा चला. मंगलयान के मार्स कलर कैमरे से ली गई तस्वीरों में से 1000 से ज्यादा फोटो से मार्स एटलस बनाया गया है.

डार्ट मिशन सफल-
धरती को एस्टेरॉयड के हमलों से बचाने के लिए नासा ने DART Mission लॉन्च किया. ये मिशन सफल रहा. डार्ट मिशन 27 सिंतबर 2022 को एस्टेरॉयड डिडिमोस के चंद्रमा जैसे पत्थर डाइमॉरफोस से टकराया. जिससे एस्टेरॉयड की दिशा बदल गई. डार्ट मिशन की सफलता से ये साफ हो गया कि भविष्य में अगर कोई एस्टेरॉयड धरती की तरफ आता है तो स्पेसक्राफ्ट से उसकी टक्कर कराकर दिशा बदली जा सकती है और पृथ्वी को सेफ किया जा सकता है.

आर्टेमिस-1 मून मिशन सफल-
आर्टेमिस मिशन के जरिए नासा एक बार फिर इंसानों को चांद पर भेजेगा. इस मिशन तीन हिस्सों में बाटा गया है. नासा ने Artemis-1 Moon Mission को 15 नवंबर को लॉन्च किया था. 25 दिन बाद आर्टेमिस-1 14 लाख मील की यात्रा करके धरती पर लौट आया. इसकी लैंडिंग मेक्सिको के ग्वाडालूप द्वीप के पास प्रशांत महासागर में हुई. आर्टेमिस-1 मिशन एक टेस्ट फ्लाइट था. नासा 2024 में आर्टेमिस-2 मिशन में एस्ट्रोनॉट्स को भेजने की तैयारी कर रहा है. आर्टेमिस-2 के एस्ट्रोनॉट्स चांद पर जाएंगे, लेकिन उतरेंगे नहीं. वो चांद के ऑर्बिट से घूमकर आ जाएंगे. आर्टेमिस-3 में इंसान चांद पर उतरेंगे और साउथ पोल में मौजूद पानी और बर्फ पर रिसर्च करेंगे.

भारत का पहला निजी रॉकेट लॉन्च-
साल 2022 में भारत ने स्पेस साइंस में एक नया कीर्तिमान बनाया. इस साल भारत का पहला निजी रॉकेट विक्रम-एस लॉन्च हुआ. 18 नवंबर 2022 को श्रीहरिकोट से इसरो ने प्राइवेट रॉकेट को लॉन्च किया. इस मिशन का नाम 'प्रारंभ' रखा गया था. इस रॉकेट को हैदराबाद की एक प्राइवेट स्टार्टअप कंपनी स्काईरूट ने बनाया था. Vikram S Rocket को दो साल के रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया था.

ओशनसैट-3 सैटेलाइट की लॉन्चिंग-
इसरो ने 26 नवंबर 2022 को Oceansat-3 सैटेलाइट लॉन्च किया. इसकी लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से हुई. इसके साथ ही भूटान के लिए रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट समेत 8 सैटेलाइट लॉन्च किए. ओशनसैट-3 करीब 5 साल तक समुद्र और उससे जुड़ी जानकारियां देगा. इससे किसी भी समुद्री तूफान या चक्रवात का पहले ही पता लगाया जा सकेगा.

अंतरिक्ष में चीनी स्पेस स्टेशन-
चीन अंतरिक्ष में अपना स्पेस स्टेशन बना लिया है. इसके लिए चीन ने 3 मॉड्यूल भेजा था. एक मॉड्यूल साल 2021 में भेजा गया था. जबकि दो मॉड्यूल साल 2022 में भेजा गया. इस साल जुलाई में चीन ने वेंटियन लॉन्च किया था और अक्टूबर में आखिरी मॉड्यूल मेंगटियन को लॉन्च किया. अब तीनों मॉड्यूल को मिलाकर चीन ने स्पेस स्टेशन बना लिया है. चीन ने अपने स्पेस स्टेशन को तियांगगोंग (Tiangong) नाम दिया है. इसका मतलब स्वर्ग का महल होता है. 

सोयुज प्रोग्राम सस्पेंड-
यूक्रेन-रूस युद्ध का असर स्पेस साइंस में चल रहे कामों पर भी पड़ा. यूद्ध के चलते यूरोपीय देशों ने रूस पर बैन लगाए. जिससे नाराज रूस ने फ्रेंच गुएना से स्पेस संबंधी सभी कार्यक्रमों को रोक दिया. Kourou Cosmodrome से लॉन्च रोक दिए गए. इसके बाद मंगल ग्रह के लिए चल रहे एक मिशन से यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने रूस की स्पेस एजेंसी रॉसकॉसमॉस को बाहर कर दिया.

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