होली पर चंद्र ग्रहण का साया रहने वाला है. होली पर साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने वाला है, ये ग्रहण होलिका दहन के तुरंत बाद यानी फाल्गुन पूर्णिमा से शुरू हो जाएगा और प्रतिपदा तिथि तक चलेगा. चंद्र ग्रहण को खगोल और ज्योतिष दृष्टि दोनों से बेहद महत्वपूर्ण और खास माना जाता है. चंद्र ग्रहण एक खगोलिय घटना है, जब पृथ्वी चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है. हालांकि, ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा. यही वजह है कि सूतक भी मान्य नहीं होगा. फिर भी अलग-अलग राशियों के लोगों को चंद्र ग्रहण से पड़ने वाले असर की चिंता है.
अच्छी और सच्ची खबर की शुरुआत होली के साथ. दो दिन बाद पूरे देश में होली का त्योहार मनाया जाएगा लेकिन, इससे पहले ही देश के कई शहरों में होली का सेलिब्रेशन शुरु हो चुका है. मथुरा से लेकर काशी तक और अयोध्या से लेकर जैसलमेर तक लोग अपने-अपने अंदाज में होली खेल रहे हैं. वहीं, होली के इस मौके पर बाजारों में भी होली की रौनक दिखाई दे रही है. लोग होली के लिए रंग-गुलाल, पिचकारी और मिठाईयां खरीदने में जुटे हैं.
अच्छी और सच्ची खबर में सबसे पहले बात रंगों के त्योहार होली की जिसका जश्न देशभर में शुरू हो चुका है. आज जहां कान्हा की नगरी में भक्तों ने भगवान संग छड़ी मार होली खेली.. हीं, बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में लोगों ने मणिकर्णिका घाट पर चिता-भस्म की होली..होली के इस सेलिब्रेशन में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में विदेशी सैलानी भी मथुरा और काशी पहुंचे हैं.
सबसे पहले बात रंग एकादशी की बात करते हैं जिस पर आज काशी में 'भस्म' होली खेली गई. इस दौरान अपने शिव-गौरा के रंगों में काशी रंगी हुई दिखी. बाबा की नगरी में रंग एकाशी पर मनाए जाने वाला 'रंग उत्सव' देखने लायक होता है. काशी में मौजूद भोलेनाथ के हर भक्त पर भक्ति का रंग भी चढ़ जाता है. सुबह से भक्त झूम रहे हैं. रंग-गुलाल-अबीर काशी की फिजां में सुगंध घोल चुके हैं. क्योंकि आज से रंग एकादशी के साथ ही होली तक फाग का रंग जमना शुरू हो गया. पौराणिक परम्पराओं और मान्यताओं के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव... माता पार्वती से विवाह के उपरान्त पहली बार अपनी प्रिय काशी नगरी आये थे.
सबसे पहले बात ब्रजमंडल के होली की... त्योहार हमारी जिंदगी में रंग भरते हैं और होली इसकी सबसे बड़ी मिसाल है. होली केवल त्योहार नहीं है. बल्कि इन रंगो में हमारी परंपराओं की खुशबू है और हमारी संस्कृति की महक है. आज आपको बृजमंडल में लठमार होली के रंग दिखाने जा रहे हैं. नंदगाव में आज लठमार होली खेली गई. जो राधा और श्रीकृष्ण के प्रेम का प्रतीक माना जाता है.
पूरी दुनिया आज अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मना रही है. इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने आज आठ लखपति दीदियों से उनकी कामयाबी की दास्तां सुनी. इसके साथ ही नवसारी में PM ने 25 हजार स्वयं सहायता समूहों को साढ़े चार सौ करोड़ की वित्तीय सहायता भी दी. महिला दिवस का दिन आज कई मायनों में बेहद खास रहा. प्रधानमंत्री के आज के गुजरात दौरे में सुरक्षा की कमान भी महिला पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने ही संभाली.
सबसे पहले बात उस त्योहार की जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. इस बार होली का पर्व 14 मार्च को है. लेकिन उससे पहले ही देश में इसका खुमार दिख रहा है. ब्रज की होली तो देश ही नहीं. बल्कि विदेश तक में मशहूर है... हो भी क्यों ना... यहां बसंत पंचमी से ही होली का उत्सव शुरू जो हो जाता है. हालांकि आज विधिवत रंगोत्सव से होली का शुभारंभ हुआ. परंपरा के अनुसार आज लड्डूमार होली का दिन रहा. अभी आगे इसी तरह लट्ठमार और छड़ीमार जैसी होली का आयोजन भी होगा. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए यहां विशेष व्यवस्था भी की गई है. इसके अलावा इस बार की होली में बाबा विश्वनाथ धाम और मथुरा में विराजमान नंदलाल का एक विशेष कनेक्शन भी जुड़ने जा रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड दौरे की बात करते हैं जहां उन्होंने मां गंगा की पूजा-अर्चना के साथ ही एक जनसभा को भी संबोधित किया. इस रैली में पीएम मोदी ने उत्तराखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के किये जा रहे प्रयासों का जिक्र तो किया. साथ ही विंटर टूरिज्म के लिए एक खास आइडिया भी दिया. पीएम मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जो उत्तरकाशी के मुखवा और हर्षिल पहुंचे और उनके इस दौरे का पूरा फोकस पर्यटन के विकास पर रहा.
प्रयागराज के एक नाविक परिवार ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में अपनी 130 नावों से ₹30 करोड़ की कमाई की. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इसका जिक्र किया. परिवार के पास 500 से ज्यादा सदस्य नाव चलाने का काम करते हैं. एक नाव से 45 दिनों में ₹23 लाख की कमाई हुई. महाकुंभ में 66 करोड़ से ज्यादा लोग पहुंचे. राज्य सरकार का अनुमान है कि इससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था को ₹3.5 लाख करोड़ का फायदा हो सकता है.
जापान के ईस्ट फूजी ट्रेनिंग सेंटर में भारत और जापान की सेनाओं के बीच धर्म गार्डियन नामक संयुक्त सैन्य अभ्यास चल रहा है. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य दोनों देशों की सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाना और आतंकवाद विरोधी अभियानों पर विशेष ध्यान देना है. यह अभ्यास न केवल दोनों देशों की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
मौसम की बात करते हैं. बीते कुछ रोज से उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों, जैसे जम्मू कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में बर्फबारी और बारिश का दौर जारी है. उसके कारण पहाड़ों पर ही नहीं बल्कि मैदानी राज्यों में भी ठंड की वापसी हुई है. मौसम में आए इस बदलाव ने गर्मी की रफ्तार पर कुछ दिनों के लिए ब्रेक लगा दी है. क्योंकि, फरवरी में जिस तेजी से तापमान बढ़ने लगा था. उससे देखते हुए ये आसार नजर आ रहे थे कि मार्च में ही लोगों को भीषण गर्मी का सामना करना पड़ सकता है. मगर वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के आने से ना सिर्फ पहाड़ों पर मौसम बदला बल्कि मैदानी राज्यों में भी लोगों को गर्मी से राहत मिली है.