सबसे पहले बात रंग एकादशी की बात करते हैं जिस पर आज काशी में 'भस्म' होली खेली गई. इस दौरान अपने शिव-गौरा के रंगों में काशी रंगी हुई दिखी. बाबा की नगरी में रंग एकाशी पर मनाए जाने वाला 'रंग उत्सव' देखने लायक होता है. काशी में मौजूद भोलेनाथ के हर भक्त पर भक्ति का रंग भी चढ़ जाता है. सुबह से भक्त झूम रहे हैं. रंग-गुलाल-अबीर काशी की फिजां में सुगंध घोल चुके हैं. क्योंकि आज से रंग एकादशी के साथ ही होली तक फाग का रंग जमना शुरू हो गया. पौराणिक परम्पराओं और मान्यताओं के अनुसार रंगभरी एकादशी के दिन ही भगवान शिव... माता पार्वती से विवाह के उपरान्त पहली बार अपनी प्रिय काशी नगरी आये थे.