SC/ST एक्ट पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला दिया है. कोर्ट ने माना है कि इस एक्ट के तहत अपराध तभी माना जाएगा अगर जाति के आधार पर शोषण या अपमान सार्वजनिक तौर पर किया गया हो. यानी अगर आपस में दो लोगों ने एक दूसरे का अपमान किया है तो इस कानून के तहत सजा नहीं होगी. क्या है पूरा मामला देखिए इस रिपोर्ट में...
The Karnataka High Court has given an important decision on the SC / ST Act. The Court has held that an offense under this Act shall be deemed to have been committed only if the exploitation or humiliation on the basis of caste has been committed in public.