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आजादी की पहली क्रांति की दास्तां, जब 10 मई 1857 को उठी थी क्रांति की आंधी

कार्यक्रम में सबसे पहले आज सबसे पहले बात उन क्रांतिवीरों की होगी, जिनके बलिदान ने देश में आजादी की ऐसी अलग जगाई कि अंग्रेजों की जड़ें हिल गई. आज 10 मई है यानि भारत के इतिहास का वो महत्वपूर्ण दिन जब 1857 की क्रांति की अमिट दास्तां लिखी गई. ये ही वो दिन था जब देश के वीर सपूतों ने आजादी का बिगुल बजा दिया था. ब्रिटिश हुकूमत पर वीर सपूतों के हल्ला बोल ने पूरी ब्रिटिश हुकूमत को हिला कर रख दिया. आज़ादी की पहली जंग की गवाह बनी थी मेरठ की सरजमीं.

The first thing in the program today will be those revolutionaries, whose sacrifices have awakened such a distinct sense of independence in the country that the roots of the British were shaken. Today is 10th May, important day in the history of India when the indelible tales of the revolution of 1857 were written. Watch this special report.