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चाय बेचने वाले ने फुटपाथ पर बैठकर लिख डाली 25 किताबें

दिल्ली में रहने वाले लक्ष्मण राव सिंह पेशे से एक चाय बेचने वाले हैं, चाय बेचने के साथ लक्ष्मण अब तक 25 किताबें लिख चुके हैं. ऐसा करके लक्ष्मण ने समाज की वो मानसिकता तोड़ दी है जो ये सोचती है कि छोटा काम करने वाले लोगों की पढ़ाई लिखाई और साफ -सफाई और जीने का तरीका समाज की सोच के मुताबिक तय होती है. गुजरात के अमरावती से दिल्ली आए लक्ष्मण राव सिंह गुलशन नंदा को अपना आदर्श मानते हैं और 8वीं कक्षा से ही उनके उपन्यासों को पढ़ कर हिंदी सीखी. दिलचस्प बात तो ये है कि लक्ष्मण राव सिंह ने सारी किताबें फुटपाथ पर बैठ कर ही लिखी हैं. किताबें लिखने का उनका मकसद पैसा कमाना नहीं है.

Laxman Rao Singh, who lives in Delhi, is a tea seller by profession. along with selling tea, Laxman has written 25 books so far. By doing this, Laxman has broken the mentality of the society which thinks that the education and cleanliness and way of living is decided according to the thinking of the society.