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गीता प्रेस ने की आर्ट पेपर पर पुस्तकें छापने की पहल, देखिए ये खास रिपोर्ट

सनातन संस्कृति और हिंदू धर्म को मानने वाले हर एक शख्स ने गीता प्रेस का नाम जरूर सुना होगा. करीब 100 साल से गीता प्रेस का सनातन साहित्य में एकछत्र राज रहा है. इसकी बड़ी वजह है इन धार्मिक पुस्तकों में गलतियां नहीं होतीं और इनकी कीमत भी कम होती है. अब तक 90 करोड़ धार्मिक पुस्तकें छापने वाली गीता प्रेस ने नए ज़माने के साथ अपनी पुस्तकों की छपाई में बदलाव किया है. रामचरित मानस जैसी सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली पुस्तकों को पहले से ज़्यादा तस्वीरों के साथ आर्ट पेपर पर छापने की पहल की है.

Gita Press has changed the printing of its books with the new age. An initiative has been taken to print the most read books like Ramcharit Manas on art paper with more photographs than before.