रक्षा करने और करवाने के लिए बांधा जाने वाला पवित्र धागा रक्षा बंधन कहलाता है. यह पवित्र पर्व श्रावण शुक्ल पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस दिन बहनें अपने भाई की रक्षा के लिए उनके कलाई पर रक्षा सूत्र बांधती हैं. भाई बहनों को जीवन भर उनकी रक्षा का वचन देते हैं. राजसूय यज्ञ के समय भगवान कृष्ण को द्रौपदी ने रक्षा सूत्र के रूप मैं अपने आँचल का टुकडा बांधा था. इसी के बाद से बहनों द्वारा भाई को राखी बाँधने की परंपरा शुरु हो गयी. ब्राहमणों द्वारा अपने यजमानो को राखी बांधकर उनकी मंगलकामना की जाती है. इस दिन वेदपाठी ब्राह्मण यजुर्वेद का पाठ आरम्भ करते हैं इसलिए इस दिन शिक्षा का आरम्भ करना अच्छा माना जाता है.
It is believed that the festival of Rakshabandhan started when Draupadi tied a piece of her ankle to Lord Krishna at the time of Rajasuya Yajna as a thread. Since then, the tradition of tying rakhi to brother by sisters started.