जीएनटी की खास पेशकश में अक्षय तृतीया पर्व की तिथि को लेकर भ्रम पर चर्चा हुई. वैशाख माह शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 29 अप्रैल शाम शुरू होकर 30 अप्रैल दोपहर समाप्त हो रही है. ज्योतिष जानकारों के अनुसार, 'सूर्योदय 30 अप्रैल को ही हो रहा है, ऐसे में उदया तिथि के अनुसार अक्षय तृतीय 30 अप्रैल को ही मनाई जाएगी.' इस दिन दान, पुण्य और सोने की खरीदारी का विशेष महत्व है क्योंकि इस दिन किए गए कार्यों का क्षय नहीं होता. अक्षय तृतीया के महत्व पर चर्चा करते हुए विशेषज्ञों ने बताया कि इस दिन खरीदी गई वस्तु का क्षय नहीं होता, खासकर सोना खरीदना शुभ है. हालांकि, जो सोना खरीदने में असमर्थ हैं, वे अपनी क्षमतानुसार अन्य धातु, वस्त्र, अन्न, औषधि या जल से भरा कलश भी दान कर सकते हैं. एक वक्ता ने कहा, 'लेने से ज्यादा हमें देने पर विश्वास रखना चाहिए', क्योंकि इस दिन किया गया दान कई गुना होकर वापस मिलता है और पितरों की आत्मा को तृप्ति मिलती है. इस दिन गजकेसरी, लक्ष्मी नारायण जैसे शुभ योग बन रहे हैं, जो जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं.