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गणतंत्र दिवस जश्न के समापन का प्रतीक, 29 जनवरी को होगी बीटिंग द रिट्रीट की गौरवशाली परंपरा

26 जनवरी को देश भर में धूमधाम से भारत का 73वां गणतंत्र दिवस मनाया गया. राजपथ पर देश की सांस्कृतिक और सामरिक शक्ति की झलक सारी दुनिया ने देखी. इस साल 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के साथ ही गणतंत्र के सप्ताह भर चलने वाले जश्न की शुरुआत हो गई थी. लेकिन अब गणतंत्र दिवस का ये जश्न, अपने अंतिम पड़ाव पर आ गया है. इतने भव्य जश्न का समापन भी उतना ही शानदार होने जा रहा है. हर साल की तरह, इस बार भी राजधानी में 29 जनवरी को बीटिंग द रिट्रीट का आयोजन किया जाएगा. ये सेना की वो गौरवशाली परंपरा है, जिसमें भारत की सेनाओं के बैंड अपने वाद्यों पर देशभक्ति धुनों की अद्भुत प्रस्तुति देते हैं. इस बार आज़ादी के अमृत माहोतस्व के चलते बीटिंग द रिट्रीट की धुनों में कुछ बदलाव किया गया है. लेकिन ये तय है कि भारतीय सेना की टुकड़ियां इस बार जिन 26 धुनों को बजाते हुए मार्चपास्ट करेंगी, वह हर किसी भारतीय का

India's 73rd Republic Day was celebrated with pomp across the country on 26 January. The whole world saw a glimpse of the country's cultural and strategic power at Rajpath. The week-long celebrations of the Republic began with the 125th birth anniversary of Netaji Subhas Chandra Bose on 23 January this year. But now this celebration of Republic Day has come to its last stop. The end of such a grand celebration is going to be equally spectacular. Like every year, this time too Beating the Retreat will be organized in the capital on 29th January. This is the proud tradition of the army, in which the bands of the Indian armies give wonderful performances of patriotic tunes on their instruments.