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Caste Based Songs: जाति वाले गानों से माहौल हो रहा खराब, सुरों में सरनेम का क्या है काम?

गीत-संगीत हमारी संस्कृति का हिस्सा है. कोई भी शुभ कार्य हो या शादी विवाह, हर महफिल गीत और संगीत के बिना अधूरी है. लेकिन जब इन्हीं गीतों की वजह से खुशी का मौका नफरत की महफिल बनने लगे तो बात करना जरुरी हो जाता है. वक्त के साथ-साथ गीतों के बोल और संगीत की परिभाषा बदली है लेकिन इसी भाषा ने मिठास घोलने की बजाए माहौल तनावपूर्ण बना दिया है. आजकल कई शादियों में जाति पर आधारित गाने बजाए जा रहे हैं. ये ही गीत कई लोगों को पसंद नही आते और बवाल होता है.

Songs and music are part of our culture. Be it any auspicious function or marriage, every gathering is incomplete without songs and music. But nowadays, caste-based songs are being played in weddings resulting in hatred in society.