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देश की 75 वर्षों की अनूठी विजय यात्रा, भारत की उपलब्धियों का शानदार प्रदर्शन

आज वो खास दिन है जब तीनों सेनाएं बैरकों में लौटाई गई. तीनों सेनाओं के अध्यक्ष राष्ट्रपति होते हैं इसलिए सेरेमनी का समापन करने के लिए तीनों सेनाएं राष्ट्रपति से इजाजत लेती हैं. इस दौरान सेनाओं की 26 धुनें सुनाई देंगी. इस बार का बींटिग द रीट्रीट हर बार से थोड़ा अलग होगा. इस बार बीटिंग रिट्रीट में ‘अबाइड विद मी’ नहीं बजाई जाएगी. ऐसा कहा जाता है कि ये इंग्लिश भजन महात्मा गांधी को बहुत पसंद था. साल 1950 से बीटिंग रिट्रीट सेरेमनी में इस भजन की धुन बजाई जाती रही है, लेकिन इस बार ये धुन नहीं बजाई जाएगी.

Today is that special day when the three armies were returned to the barracks. The President is the head of the three armies, so to conclude the ceremony, the three armies take permission from the President. During this, 26 tunes of the armies will be heard. This time beating the retreat will be a little different from every time. This time 'Abide With Me' will not be played at Beating Retreat. It is said that this English hymn was very much liked by Mahatma Gandhi. The tune of this hymn has been played in the Beating Retreat Ceremony since 1950, but this time it will not be played.