भारतीय सेना अपने एयर डिफेंस सिस्टम को मजबूत करने के लिए 220 नई स्वदेशी एंटी एयरक्राफ्ट गन खरीदने जा रही है. इनकी ट्रायल प्रक्रिया जुलाई में शुरू होगी. ये गन विशेष रूप से ड्रोन हमलों से निपटने में सक्षम होंगी. मौजूदा समय में सेना के पास जो एंटी एयरक्राफ्ट गन हैं, वे 1990 के दशक में खरीदी गई थीं. नई गन में आधुनिक फायर कंट्रोल और टारगेट ट्रैकिंग सिस्टम होंगे, जिससे भारत की एयर डिफेंस क्षमता में काफी सुधार होगा. भारतीय सेना के पास मौजूद शिल्का, जेडयू-23, एल-70 और एसआरजीएम जैसे एंटी-एयरक्राफ्ट वेपन सिस्टम्स की क्षमताओं का विस्तृत विवरण भी महत्वपूर्ण है. इन हथियारों की विशेषताएं, रेंज, फायरिंग क्षमता और प्रभावशीलता पर चर्चा हुई है. डीआरडीओ द्वारा विकसित नए वेरी शॉर्ट रेंज एयर डिफेंस सिस्टम की जानकारी भी दी गई है. इसके अलावा, रूस-यूक्रेन युद्ध में एंटी-एयरक्राफ्ट गन के महत्व पर भी प्रकाश डाला गया है और भारत के स्वदेशी रक्षा उपकरण निर्माण की क्षमता का उल्लेख किया गया है.