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Homemaker's Contribution: घरेलू महिलाओं के योगदान को कम आंकने पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, देखें इसपर क्या है लोगों की राय

SC on Homemakers: किसी महिला का घर पर रहना, घर को संभालना, बच्चों को पढ़ाना और बेटे-बेटियों की जिदंगी संवारना. क्या इस काम को दफ्तर जाने वाले के काम से कम समझा जा सकता है? क्या दफ्तर में काम करके वेतन पाने वाले के मुकाबले किसी हाउसवाइफ को कमतर माना जा सकता है? दरअसल पिछले दिनों जब ऐसा ही एक सवाल सुप्रीम कोर्ट के सामने आया तो सुप्रीम कोर्ट ने दो टूक कह दिया कि गृहणियों का काम किसी भी तरह वेतन पाने वाले पार्टनर से कम नहीं है.

In a recent judgment, the Supreme Court observed that the woman who takes care of the family has special importance and her contributions can not be measured in monetary terms.