सावन का महीना चल रहा है. इस वक्त चारों पर भोले भंडारी के जयकारे की गूंज है. इस पावन महीने में पूरा उत्तर भारत भोले के रंग में रंगा नजर आ रहा है. हजारों किलोमीटर की दूरी पैदल तय करके भोले के भक्त जल लेकर आ रहा है..कांवड़ यात्रा का विधान सावन में भगवान भोले नाथ के जलाभिषेक और उनको प्रसन्न करने के लिए होती है. इस सफर में भगवान शंकर और देवी पार्वती के अलग-अलग रूपों और प्रतिमाओं वाली झांकियों के रथ खूब दिखाई दे रहे हैं. इसमें भोले भंडारी की आदियोगी स्वरूप वाली झांकी है..तो कैलाश पर्वत पर विराजमान नीलवर्ण भगवान शिव की झांकी भी है. कुछ कांवड़िये ज्योतिर्लिंग सोमनाथ धाम की झांकी वाला रथ लेकर आगे बढ़ रहे हैं.
The month of Sawan is going on. In this holy month, the whole of North India is seen painted in the color of Lord Shiva.