पौराणिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा यानि देव दीपावली के दिन सृष्टि के तैंतीस करोड़ देवी-देवता काशी में मां गंगा के घाटों पर स्नान करने पृथ्वी पर उतरते हैं. इसलिए इस दिन गंगा नदी में मिट्टी के दीपक जलाकर प्रवाहित किए जाते हैं. वैसे तो काशी की पहचान काशी विश्वनाथ यानी महादेव से होती है पर दुनिया के लिए देव दीपावली, काशी की दूसरी पहचना बन गई है. देव दीपावली पर मोक्ष नगरी वाराणसी के 84 घाट, लाखों दीयों से जगमगाते हैं.
According to mythological beliefs, on Kartik Purnima, also known as Dev Diwali, thirty-three crore gods and goddesses descend to earth to bathe in the sacred waters of the Ganges in Kashi.