मध्य प्रदेश के एक पुलिस कॉन्स्टेबल को गुमनाम शिकायत पर नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया था. उनके बेटे ने वकील बनकर पिता के लिए कानूनी लड़ाई लड़ी और 12 साल बाद उन्हें नौकरी दिलाई. जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले के बाद भी पुलिस विभाग ने बहाली में देरी की, लेकिन अदालत के सख्त रुख के बाद आखिरकार पिता को वर्दी मिल गई. बेटे ने कहा, 'लोगों को न्याय दिलाने के बाद जो फीलिंग्स आती हैं, उसके लिए मैं इस फील्ड को कभी नहीं छोड़ सकता'