अब बात करेंगे अद्भुत, अलौकिक और अविस्मरणीय महाकुंभ की. जहां आस्था और उत्साह का संगम देखते ही बन रहा है. हर कोई 144 साल बाद बने इस महासंयोग का हिस्सा बनने को बेताब है. क्या देश क्या विदेश. दुनिया के हर कोने से श्रद्धालु महाकुंभ का हिस्सा बनने के लिए प्रयागराज पहुंच रहे हैं. संगम की रेती हो और बात सुरसाधकों की न हो भला ऐसा कहां हो सकता है. तीर्थ राज प्रयाग में ऐसी ही दो गायिका से हमारे संवाददाता संजय शर्मा ने खास बातचीत की है. देखिए ये सुरीली महफिल