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किस्मत कनेक्शन

शुक्र के राशि परिवर्तन का मामला क्या है और इसका राशियों पर कैसा प्रभाव पड़ेगा ? जानिए पंडित शैलेंद्र पांडेय से

19 सितंबर 2024

शुक्र अभी तक कन्या राशि में विद्यमान थे. यहाँ पर शुक्र की स्थिति काफी कमजोर थी. अब 18 सितम्बर को शुक्र तुला राशि में प्रवेश कर चुके हैं. यह समय लोगों के जीवन में थोड़ी राहत लेकर आयेगा. अविवाहितों के विवाह के मामलों में तेजी आ जायेगी. हालांकि दुनिया भर में अशांति बनी रहेगी. इस समय सावधानी से काम करने पर धन लाभ हो सकता है.

कौन होते हैं पितृ, क्या होता है पितृपक्ष और इस दौरान किन-किन सावधानियों का पालन करना चाहिए ? जानें पंडित Shailendra Pandey से

18 सितंबर 2024

Pitru Paksha 2024: हमारे परिवार के जिन पूर्वजों का देहांत हो चुका है , उन्हें हम पितृ मानते हैं. जब तक किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसका जन्म नहीं हो जाता वह सूक्ष्म लोक में रहता है. ऐसा मानते हैं कि इन पितरों का आशीर्वाद सूक्ष्मलोक से परिवार जनों को मिलता रहता है. पितृपक्ष में पितृ धरती पर आकर अपने लोगों पर ध्यान देते हैं और आशीर्वाद देकर उनकी समस्याएं दूर करते हैं. पितृपक्ष में हम लोग अपने पितरों को याद करते हैं और उनकी याद में दान धर्म का पालन करते हैं. इस बार पितृपक्ष 18 सितम्बर से 02 अक्टूबर तक रहेगा.

इस बार के चंद्र ग्रहण की विशेषता क्या है और यह किस राशि से आरम्भ होने जा रहा है ? जानिए पंडित शैलेंद्र पांडेय से

17 सितंबर 2024

Chandra Grahan 2024: यह उपच्छाया चन्द्रग्रहण होगा. इसका आरम्भ 18 सितम्बर को प्रातः 06.11 पर होगा. यह ग्रहण अपनी पूर्णता पर प्रातः 08.14 पर होगा. यह ग्रहण 18 सितम्बर को ही प्रातः 10.17 पर समाप्त होगा. ज्योतिष के अनुसार यह ग्रहण मीन राशि और पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में लगेगा. यह ग्रहण भारत वर्ष में दृश्य नहीं होगा.

क्या है गणेश चतुर्थी का पर्व और विसर्जन की महिमा ? जानिए पंडित शैलेंद्र पांडेय से

16 सितंबर 2024

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से चतुर्दशी तिथि तक भगवान गणेश की उपासना के लिए गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. श्री गणेश प्रतिमा की स्थापना चतुर्थी को की जाती है और विसर्जन चतुर्दशी को किया जाता है. कुल मिलाकर ये नौ दिन गणेश नवरात्रि कहे जाते हैं. माना जाता है कि प्रतिमा का विसर्जन करने से भगवान पुनः कैलास पर्वत पर पंहुंच जाते हैं. स्थापना से ज्यादा विसर्जन की महिमा होती है,इस दिन अनंत शुभ फल प्राप्त किये जा सकते हैं ,अतः इस दिन को अनंत चतुर्दशी भी कहते हैं. कुछ विशेष उपाय करके इस दिन जीवन कि मुश्किल से मुश्किल समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है - इस बार अनंत चतुर्दशी और गणेश विसर्जन का पर्व 17 सितम्बर को है.

सूर्य के इस राशि परिवर्तन का अलग अलग राशियों पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? जानिए पंडित शैलेंद्र पांडेय से

15 सितंबर 2024

सूर्य देव 16 सितम्बर को सायं कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं. सूर्य की स्थिति यहाँ बहुत मजबूत नहीं मानी जाती. सूर्य यहाँ पर शुक्र और केतु के साथ हो जायेंगे - साथ ही उन पर मंगल और बृहस्पति की दृष्टि भी होगी. सूर्य की यह स्थिति मध्यम फलदायी है. इसका प्रभाव लगभग एक माह तक बना रहेगा. अलग अलग राशियों पर इस परिवर्तन का गहरा असर होगा.

यश के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं और कैसे पाएं नाम और यश ? जानिए पंडित शैलेंद्र पांडेय से

14 सितंबर 2024

कुंडली के चतुर्थ, सप्तम और दशम भाव से व्यक्ति के नाम और यश की स्थिति देखी जाती है. कभी कभी द्वादश भाव से भी नाम यश का विचार होता है. मूल रूप से चन्द्रमा और शुक्र ,यश प्रदान करने वाले ग्रह माने जाते हैं. हस्तरेखा विज्ञान में सूर्य को यश का ग्रह माना जाता है. शनि , राहु और ख़राब चन्द्रमा , यश में बाधा पंहुचाने वाले ग्रह हैं - इसके अलावा कभी कभी संगति से भी अपयश का योग बन जाता है.

क्या है परिवर्तिनी एकादशी का महत्व, व्रत विधि और महाउपाय, जानिए पंडित शैलेंद्र पांडेय से

13 सितंबर 2024

भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी एकादशी कहा जाता है . इसको पद्मा एकादशी और जयंती एकादशी भी कहा जाता है. इस एकादशी का व्रत करने से जाने अनजाने किये गए सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. इस लोक में भौतिक सम्पन्नता और परलोक में मुक्ति की प्राप्ति होती है. इस समय गणेश महोत्सव भी चल रहा होता है अतः यह व्रत गणेश जी और श्री हरि दोनों की कृपा दिलवा देता है.

क्या हैं शकुन-अपशकुन और इसके लक्षण ? जानिए पंडित शैलेंद्र पांडेय से

12 सितंबर 2024

हमारे जीवन में घटना वाली घटनाओं के संकेत लगातार किसी न किसी रूप में मिलते रहते हैं. अगर ये संकेत सकारात्मक हैं तो शकुन और अगर नकारात्मक हैं तो अपशकुन होते हैं. रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में भी इसका उल्लेख पाया जाता है. शकुन और अपशकुन कोई शुभ या अशुभ प्रभाव पैदा नहीं करते. ये केवल इस बात की सूचना देते हैं कि उस कार्य में भाग्य आपकी कितनी सहायता करेगा. कभी कभी ये सीधी तरह से घटनाओं के बारे में बताते हैं और कभी कभी अप्रत्यक्ष रूप से.

रिश्तों के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं ? जानिए पंडित शैलेंद्र पांडेय से

11 सितंबर 2024

हर रिश्ते के लिए अलग अलग ग्रह जिम्मेदार होते हैं. सूर्य पिता के रिश्ते से सम्बन्ध रखता है. चन्द्रमा माता का और मंगल भाई बहन का ग्रह है. बुध ननिहाल पक्ष का और बृहस्पति ददिहाल पक्ष का कारक है. बृहस्पति संतान पक्ष के रिश्तों का स्वामी होता है. शुक्र दाम्पत्य जीवन के रिश्तों का ग्रह है और शनि अपने अधीन लोगों के साथ रिश्तों का स्वामी है. पर रिश्तों को बनाने और निभाने में सबसे ज्यादा भूमिका चन्द्रमा और मंगल की होती है.

राधाष्टमी पर कैसे करें राधा रानी और श्रीकृष्ण को प्रसन्न, पंडित शैलेंद्र पांडेय से जानिए

10 सितंबर 2024

इस वीडियो में ज्योतिष शैलेंद्र पांडेय(Shailendra Pandey) बता रहे हैं कि राधाष्टमी(Radha Ashtami) की महिमा क्या है. राधाष्टमी का व्रत(Radha Ashtami ka Vrat) क्यों किया जाता है. राधाष्टमी पर व्रत(Radha Ashtami Vrat Rules) करने के नियम क्या-क्या हैं. श्रीकृष्ण(Shri Krishna) से पहले राधा रानी की पूजा क्यों की जाती है.

चंद्रमा की अशुभ स्थितियों का परिणाम और बचने के उपाय, पंडित शैलेंद्र पांडेय से जानिए

09 सितंबर 2024

इस वीडियो में ज्योतिष शैलेंद्र पांडेय(shailendra pandey) बता रहे हैं कि चंद्रमा(Moon) की अशुभ स्थितियां क्या हैं. चंद्रमा की अशुभ स्थितियां का हमारे जीवन पर क्या प्रभाव पड़ सकता है. चंद्रमा की अशुभ स्थितियों(Moon Dosh) से बचने के क्या-क्या उपाय है.