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क्या है भजन-कीर्तन, दोनों में अंतर क्या है ? जानिए पंडित Shailendra Pandey से

व्यक्ति के जीवन में एक ही अवलंब होता है ईश्वर. ईश्वर को कई मार्गों से पाने का प्रयास किया जाता है. ज्ञान , कर्म और भक्ति - भक्ति सर्वश्रेष्ठ मार्ग है और भक्ति से ईश्वर को पाना सबसे सरल है. भक्ति और एकाग्रता आने के लिए तमाम चीज़ों का सहारा लिया जाता है , जैसे - भजन , कीर्तन और स्मरणभज न और कीर्तन से मन की अवस्था बहुत तेजी से उन्नत हो जाती है. इसके बाद अगर ध्यान किया जाय या प्रार्थना किया जाय तो वह तुरंत फलीभूत होती है. भजन और कीर्तन के सही प्रयोग से व्यक्ति को रोगों तथा मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है.