रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को लेकर चल रहे हिंदुस्तान ने अब अपने सुरक्षा चक्र को और मजबूत बनाने पर मुहर लगा दी है. एक तरफ सरहद के रखवाले दिन रात कुदरती चुनौतियों का सामना करने में जुटे हैं. ताकि देश की सीमा पर कोई आंच ना आने पाए...तो दूसरी ओर दुनिया की ताकतवर सेनाओं में शुमार भारतीय सेना की ताकत को और बढ़ाने पर सरकार ने मुहर लगा दी है. जल थल नभ में भारत के सुरक्षा चक्र को और अभेद्य बनाने के लिए 54 हजार करोड़ के रक्षा खरीद पर सरकार ने मंजूरी दे दी है. एडवांस्ड टोव्ड आर्टिलरी गन सिस्टम से लेकर वरुणास्त्र टॉरपीडो और अर्ली वॉर्निंग एंड कंट्रोल एयरक्राफ्ट सिस्टम समेत कई सैन्य साजो समान खरीदे जाएंगे...इसका सीधा मतलब ये है कि जंग के किसी भी मोर्चे पर भारत को चुनौती देना दुश्मन के लिए मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा.