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मंडोर में रावण के ससुराल की कथा, जहां बना है रावण-मंदोदरी के विवाह का मंडप

हमारी आज की पहेली भी जुड़ी है रामायण काल से, एक ऐसी जगह जहां रावण की पूजा की जाती है, यहां दशहरे पर रावण का पुतला नहीं जलाया जाता, बल्कि रावण की मौत का शोक मनाया जाता है. पहेलियों को ढूंढते ढूँढ़ते इस हफ्ते हम पहुँच चुके थे राक्षसराज रावण की ससुराल में. मंदोदरी लंका नरेश रावण की पत्नी थी. तो क्या लंका का राजा वाकई बारात लेकर मंडोर तक आय़ा था. कहा जाता है कि रावण ने मंडोर तक आने के लिए इस गुप्त सुरंग का इस्तेमाल किया था.

Our today's puzzle is also related to the Ramayana period, a place where Ravana is worshipped, here on Dussehra the effigy of Ravana is not burnt, but the death of Ravana is mourned.