महाज्ञानी हनुमान परमज्ञानी होते हुए भी कभी अपने ज्ञान का प्रदर्शन नहीं करते. समय-समय पर अपने ज्ञान का विवेकपूर्ण प्रयोग करते रहे हैं. बजरंगबली हनुमान चालीसा के प्रथम दोहे में हनुमान जी को ज्ञान का सागर कहा गया है. अपार बलशाली होने के बावजूद हनुमान जी ने कभी अपनी सीमा नहीं लांघी. हनुमान जी का ज्ञान मर्यादा में रहने वाला उत्तम ज्ञान है. अगर इंसान हनुमान जी से उनके इस गुण का आशीर्वाद पा ले तो महाज्ञानी बन सकता है.