गणपति आने वाले संकटों को टालने वाले हैं. वे विध्नहर्ता हैं. तभी तो शुभ कार्यों का आरंभ गणपति की उपासना करके किया जाता है. ताकि शुभ कार्यों में कोई विघ्न न हो. उन्हीं गणपति की कृपा से घर का वास्तुदोष भी दूर किया जा सकता है. दसों दिशाओं को साधा जा सकता है. नवग्रह की बाधाओं को समाप्त किया जा सकता है.