प्रार्थना हो स्वीकार (Prarthna Ho Swikaar) में आज बात पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) की. पुत्रदा एकादशी का व्रत संतान सुख की प्राप्ति और संतान की लंबी उम्र और खुशहाली के लिए रखा जाता है. पंचांग के अनुसार साल में दो बार पुत्रदा एकादशी आती हैं. एक बार पौष माह (Paush Month) में जबकि दूसरी सावन मास (Sawan) में. सावन मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी को पुत्रदा एकादशी कहा जाता है.