गुरु प्रदोष व्रत हर महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर मनाया जाता है। इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। माना जाता है कि गुरु प्रदोष पर व्रत रखने और पूजा करने से संतान संबंधी बाधाएं दूर होती हैं, शत्रु शांत होते हैं और मुकदमों में विजय मिलती है। इस दिन शिवलिंग का पंचामृत स्नान, बेलपत्र अर्पण और ओम नमः शिवाय मंत्र का जाप किया जाता है।