ऐसी वाणी बोलिए मन का आप होए औरन को शीतल करे आपहुं शीतल होय. हमें सबके साथ विनम्रता के साथ व्यवहार रहना चाहिए. सभ्य समाज की यही परंपरा है. लेकिन कभी-कभी हम कुछ ऐसा बोल जाते है..जो शालीनता के अनुरूप नहीं होता. और हमारे इसी व्यवहार से हमारे संबंध भी खराब हो जाते है. माना जाता है कि हमारे अच्छे और बुरे व्यवहार का हमारे ग्रहों से सरोकार होता है. तो ऐसा हम क्या करें कि जिससे हमारी वाणी संयमित हो जाए. हमारे आचरण से किसी को ठेस न पहुंचे. इन सभी समस्याओं का समाधान जानेंगे हमारी आज की पेशकश में.