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बाबा काल भैरव का पौराणिक धाम, जंजीरों में जकड़े हैं यहां भगवान

मध्य प्रदेश के आगर मालवा में भगवान भैरव विराजमान हैं...जहां भगवान भैरव की आराधना 600 सालों से केवड़ा स्वामी के रूप में हो रही है. माना जाता है कि काल भैरव अपने भक्तों पर सदैव कृपा बनाए रखते हैं और इनकी पूजा करने से घर से नकारात्मक शक्तियां भी दूर हो जाती हैं.साथ ही काल भैरव की पूजा से शत्रुओं पर भी विजय प्राप्त होती है. काल भैरव को भगवान शिव का ही रूप माना जाता है. काल भैरव अष्टमी को कालाष्टमी भी कहते हैं.शास्त्रीय मान्यता है कि इसी दिन भगवान भैरव का प्राकट्य हुआ था...इसलिए पंचांग की इस तिथि पर इनकी पूजा पूर्ण विधि-विधान से की जाती है. ये दुनिया में अकेला ऐसा दिव्य धाम है जहां के गर्भगृह में सभी भक्तों को मुक्ति का वरदान देने वाले भगवान स्वयं जंजीरों में...बेड़ियों में ...बंधे दिखते हैं. देखें प्रार्थना हो स्वीकार.

Lord Bhairav ​​is seated in Agar Malwa of Madhya Pradesh. where Lord Bhairav ​​is being worshiped in the form of Kevada Swami for 600 years. It is believed that Kaal Bhairav ​​always keeps his blessings on his devotees and worshiping him also removes negative energies from the house.