मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से लगभग 200 किलोमीटर दूर उज्जैन में भगवान शंकर मंगलनाथ स्वरूप में विराजमान हैं. इस दरबार से ही मंगल ग्रह के जन्म का आरंभ माना जाता है. इस दरबार में भगवान मंगलनाथ पिंडी स्वरूप में शिवलिंग स्वरूप में विराजमान हैं. कहते हैं कि इस दरबार में पूजा आराधना करने से कुंडली में मंगल ग्रह के दोषों के साथ-साथ सभी ग्रहों के दोष दूर हो जाते हैं. वैसे तो इस दरबार में हमेशा भक्तों का तांता लगा ही रहता है लेकिन सप्ताह के मंगलवार को भीड़ अत्यधिक रहती है. मंगलनाथ की कृपा से न केवल कुंडली का मांगलिक दोष दूर होता है बल्कि दाम्पत्य जीवन में होने वाली परेशानियां भी कम हो जाती हैं. देखें प्रार्थना हो स्वीकार.
The Mangalnath Temple in Ujjain city of Madhya Pradesh is regarded as the birthplace of Mars (Mangala). The person who wants to get rid of Mangal Dosha should visit here. Watch this episode to know more about this temple.