प्रार्थना हो स्वीकार में आज के भक्तिमय सफर में हम आपको लेकर चल रहे हैं भगवान विष्णु के स्वरूप भगवान जगन्नाथ के दरबार की यात्रा पर. क्योंकि भगवान जगन्नाथ एकांतवास पर जा चुके हैं और अब 14 दिनों के एकांतवास के बाद भगवान जगन्नाथ अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ रथ पर सवार होकर निकलेंगे.