शुक्रवार को शास्त्रों में मां भगवती आदि शक्ति जगदंबा की भक्ति का दिन माना गया है. धर्म ग्रंथ 16 शुक्रवार के व्रत को हर मनोकामना पूरी करने वाला बताते हैं. कहते हैं कि मां संतोषी के लिए किया गया शुक्रवार का व्रत सूनी गोद भी भर देता है. घर में किलकारियां गूंजने लगती हैं साथ ही न तो धन धान्य की कमी रहती है औऱ न ही आनंद की. मां संतोषी की कृपा से हर मानव का कल्याण होता है. कहते हैं कि जो भी विवाहित युवती 16 शुक्रवार का व्रत कर लेती है उसके विवाह के योग जल्द बनते हैं साथ ही उसे सुयोग्य वर भी मिलता है. तो आइये आपको भी बताते हैं कि कैसे करनी है आपको मां संतोषी का पूजा आराधना और उनकी व्रत उपासना. राजस्थान के जोधपुर में संतोषी माता का एक प्रसिद्ध मंदिर है जो कि प्रगट संतोषी माता के नाम से विख्यात है. यहां माता को लाल सागर वाली मैय्या और संतोषी माता के रूप में लोग पूजतें है. मंदिर के गर्भग्रह की चट्टानों को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे स्वयं शेषनाग मां संतोषी पर छाया कर रहे हो.
There is a famous temple of Santoshi Mata in Jodhpur, Rajasthan, which is known as Pragat Santoshi Mata. Here the mother is worshiped in the form of Red Sea Maiyya and Santoshi Mata. Seeing the rocks of the sanctum sanctorum of the temple, it seems as if Sheshnag himself is casting a shadow on Maa Santoshi.