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भालका तीर्थ की भव्यता मोह लेगी आपका मन, यहां निद्रा अवस्था में विराजमान हैं द्वारिकाधीश

आध्यातम का आज का सफर प्रमाण है उन साक्ष्यों का जो कि इतिहास का सिरा जोड़ते हैं महाभारत काल से. समंदर की लहरों के कोलाहल के बीच असीम शांति का ये दिव्य धाम कान्हा के अंतिम धाम के रूप में सदियों से पूजित होता है. यही है आस्था और विश्वास की वो मानसिक डोर जो शरीर को हर बार प्रभु के द्वार तक खींच लाती है.

Today's journey of Adhyatham is proof of those evidences which add the tip of history from the Mahabharata period. This divine abode of infinite peace amidst the clamor of ocean waves is worshiped for centuries as the last abode of Kanha. This is the mental thread of faith and belief that pulls the body to the door of the Lord every time.