ऑल पार्टीज हुर्रियत कॉन्फ्रेंस अब इतिहास में शामिल हो चुका है. ये संगठन कभी कश्मीर में अलगाववाद का एजेंडा चलाता था. पाकिस्तान की शह पर इसके नेता, भारत विरोधी माहौल बनाते थे. मगर 370 हटने के बाद कश्मीर की ऐसी सूरत बदली कि, ये संगठन हाशिए पर चला गया. और सरकार की सख्ती का असर ऐसा हुआ कि कई नेताओं ने संगठन से किनारा कर लिया. आज जब अमित शाह श्रीनगर में मौजूद थे, तीन बड़े नेताओं ने ना सिर्फ हुर्रियत छोड़ दी. बल्कि उसकी सोच पर सवाल खडे किए। खुशी की बात ये है कि हुर्रियत का साथ छोड़ने वाले नेताओं ने भारतीय संविधान के प्रति आस्था जताई है और मुख्य धारा की राजनीति में शामिल होने के लिए तैयार हैं. देखिये ये रिपोर्ट