टी 20 वर्ल्ड कप में टीम इंडिया की हार और अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा. वैसे उम्मीदें तो बहुत थी, लेकिन ना तो कोहली का कमाल नजर आया, और ना ही धोनी की धीरज वाली शिक्षा काम आई. वर्ल्ड कप शुरू हुआ तो क्रिकेट प्रेमियों ने कहा की था कि रोगी को दवा चाहिए, जोगी को जप चाहिए, हम तो क्रिकेट के पुजारी हैं, भाई हमें तो वर्ल्ड कप चाहिए. लेकिन जब-जब मैच हुआ तब तब भारत के लोगों के चेहरे का रंग नीला पड़ गया, और वो नीली जर्सी का असर नहीं था. बल्कि वो हार का असर था. आज के एपिसोड में हार का विश्लेषण सुनिए कवियों की जुबानी.
Team India's defeat in the T20 World Cup was the worst performance ever. Although the expectations were high, but neither Kohli's performance was amazing, nor did Dhoni's endurance education work. When the World Cup started, cricket lovers had said that the patient needs medicine, Jogi needs chanting, Hum Toh We are the priests of cricket, brother, we want the World Cup. But whenever the match took place, then the color of the face of the people of India turned blue, and that was not the effect of the blue jersey. Rather, it was the effect of defeat. Listen to the analysis of defeat in today's episode.