पुणे में CA एना की मौत के बाद ऑफिस के वर्कलोड पर सोशल मीडिया पर काफी बात हो रही है.क्या भारत में सच में कर्मचारियों के ऊपर काम का दबाव ज्यादा है। क्या ऑफिस का वर्कलोड उन्हें बीमार कर रहा है। क्या शिफ्ट की टाइमिंग की वजह से लोगों के मानसिक सेहत पर बुरा असर पड़ रहा है। क्या नौकरी खोने के डर की वजह से लोग इस बारे में खुलकर बात करने से कतराते हैं। वजह जो भी हो मगर ये मुद्दा इन दिनों चर्चा में है.आज हम इसी मुद्दे पर बात करेंगे.
लेबनान और सीरिया में एक के बाद एक कई पेजर ब्लास्ट हुए. इन हमलों में सैकड़ों लोग जख्मी हो गई और कई जानें चली गई हैं. इस ब्लास्ट में जो मारे गए वो हिजबुल्लाह से जुड़े बताए जा रहे हैं. लिहाजा शक की सुई इजराइल पर जा टिकी है. कहा जा रहा है कि पेजर को बम में बदलने के पीछे इजराइल की खुफिया एजेंसी मोसाद का हाथ हो सकता है. अब सवाल ये उठ रहे हैं पेजर को एक चलते फिरते बम में आखिर बदला कैसे गया.
10 दिनों के गणपति उत्सव के बाद विसर्जन के लिए गणपति की सवारी निकल चुकी है. भक्त पूरे हर्षोल्लास के साथ बप्पा को विदाई दे रहे हैं. बप्पा का जयघोष हर तरफ सुनाई दे रहा है. शहर शहर बप्पा अपने विराट स्वरूप के साथ भक्तों के बीच में हैं. जैसे जैसे गणपति प्रतिमाएं विसर्जन के पथ पर बढ़ रही हैं. भक्तों का उल्लास देखते ही बन रहा है.
आजकल सोशल मीडिया को लोगों से कनेक्ट होने का सबसे आसान तरीका माना जाता है. तभी तो नेता से लेकर अभिनेता सोशल मीडिया पर छाए रहते हैं.हिमाचल की एक ऐसी हीं अधिकारी हैं ओशिन शर्मा. वो अपनी रील से बच्चों को मोटिवेट करती हैं. साथ ही सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के टिप्स भी देती हैं. लेकिन कहा जा रहा है कि सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव होने की वजह से उनका ट्रांसफर कर दिया गया.
PM Modi Paralympics Players Meeting: पैरालंपिक खिलाड़ियों से पीएम मोदी ने मुलाकात की. बातचीत के दौरान उन्होंने पदकवीरों को बधाई दी और हौसला बढ़ाया. पीएम मोदी ने कहा कि- जीवन के प्रति अपना नजरिया सकारात्मक रखें, हार जीत जीवन का हिस्सा है.
ऐसे में माना जा रहा है कि अपच उल्टी दस्त जैसे लक्षणों का भी हार्ट अटैक से कनेक्शन है. विशेषज्ञ कहते हैं कि ये भी हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं. कहने का मतलब ये है कि हमारा शरीर हमारा दिल जब ठीक नहीं होता तो संकेत देता है कि मामला गड़बड़ है लेकिन बिजी लाइफस्टाइल और स्ट्रेसफुल लाइफ में हम शरीर के दिए संकेतों से इतने डिस्कनेक्टेड होते हैं कि संभल नहीं पाते और जान से हाथ धो देते हैं. ऐसे में अपने इस खास शो के माध्यम से हम आपसे कहने आए हैं शरीर के संकेतों को समझिए अपने दिल की सुनिए.
IT कंपनी इंफोसिस के सह संस्थापक रहे नारायण मूर्ति ने कोचिंग कल्चर पर सवाल उठाए हैं. उनके मुताबिक अगर बच्चे स्कूल में ध्यान से पढ़ाई करें तो कोचिंग जाने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. इसमें उन्होंने छात्रों के माता-पिता को भी अहम भूमिका निभाने के लिए प्रेरित किया. मतलब घर पर अनुसाशन का माहौल बनाने का जिम्मा माता-पिता का होता है।अगर घर पर अनुासशन रहे और माता-पिता बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित करें तो इसके सकारात्मक नतीजे दिखेंगे.
सोशल मीडिया(Social Media) का दखल हमारी जिंदगी में बढ़ता ही जा रहा है. हर मामले में हमें सोशल मीडिया(Social Media) से सलाह मिल रही है. अब तो मामला इससे भी काफी आगे बढ़ चुका है. क्योंकि सोशल मीडिया पर डॉक्टरी सलाह भी मिलने लगी है. इनमें कई रील वाले डॉक्टर(Doctor) तो गंभीर बीमारियों के शर्तीय इलाज का दावा भी करते हैं. मतलब बिना जांच, बिना पर्ची ये रील्स वाले डॉक्टर मरीज को दवा बता देते हैं. कहीं आप भी तो ऐसे ही किसी डॉक्टर के संपर्क में तो नहीं हैं. अगर हैं तो सतर्क हो जाइए. क्योंकि बिहार(Bihar) के सारण(Saran) जिले में एक ऐसे ही डॉक्टर पर यूट्यूब(YouTube Doctor) देखकर एक लड़के का इलाज करने का आरोप लगा है. इस यूट्यूब वाले डॉक्टर(YouTube Wale Doctor) की लापरवाही से उस लड़के की जान चली गई. ऐसे में सवाल उठता है कि प्रशासन क्या कर रहा था. आखिर डॉक्टरों की संस्था IMA की नजर ऐसे झोलाछापों पर क्यों नहीं पड़ती. सबसे बड़ी बात आम जनता इन ठगों के बहकावे में कैसे आ जाती है. आखिर कैसे गली से लेकर सोशल मीडिया तक झोलाछाप डॉक्टर फैलते जा रहे हैं. इस गंभीर विषय पर डॉक्टर, हेल्थ एक्सपर्ट और कानून के जानकार का क्या कहना है, जानिए
तकनीक(technology) ने हमारी जिंदगी आसान की है तो वहीं ये ही तकनीक हमारे लिए जी का जंजाल भी बन गई है. क्या आपका बच्चा मोबाइल(Mobile use For Children) देखकर खाना खाता है. क्या आप भी बच्चों का मन बहलाने के लिए उनके हाथ में मोबाइल थमा देते हैं. क्या आप उन माता-पिता में से हैं, जो बच्चों के जिद करने पर तुरंत उन्हें मोबाइल दे देते हैं. या बच्चों के शोर-शराबे से बचने के लिए उन्हें मोबाइल पर बिजी कर देते हैं. अगर हां तो ये खबर आपके लिए है. क्योंकि यूरोप के देश स्वीडन में सरकार(Sweden government) ने बच्चों का स्क्रीन टाइम सेट(Sweden government set screen time) कर दिया है. वहां दो साल से कम उम्र के बच्चे टीवी या मोबाइल नहीं देख सकते. जबकि दो से पांच साल तक के बच्चे 24 घंटे में एक घंटे टीवी या मोबाइल देख सकते हैं. इसी तरह 6 से 12 साल तक के बच्चे महज दो घंटे मोबाइल या टीवी पर बिता सकेंगे. ये सख्त नियम इललिए बनाने पड़े, क्योंकि मोबाइल की लत बच्चों को बीमार करने लगी थी. मोबाइल की लत से बच्चों में भूलने की बीमारी पैदा हो रही है. साथ ही उनकी एकाग्रता खोती जा रही है. वो अकेलेपन के शिकार हो रहे हैं. और इसके जिम्मेदार सिर्फ और सिर्फ उन बच्चों के माता-पिता हैं. लेकिन क्या ऐसे ही सख्त नियमों की हमारे देश में भी जरूरत है. क्या हमें भी बच्चों के लिए स्क्रीन टाइम सेट नहीं करना चाहिए. इसी जरूरी मुद्दे पर हम बात करेंगे. हमारे साथ तमाम मेहमान जुड़े हुए हैं मगर चर्चा शुरू करने से पहले देखिये ये रिपोर्ट.
ऋद्धि-सिद्धि के दाता गणपति महाराज पधारने वाले हैं. कल यानी शनिवार के दिन गणेश चतुर्थी है और इसी दिन से गणपति उत्सव की शुरूआत होगी. महाराष्ट्र से लेकर देश के दूसरे हिस्सों तक गणपति उत्सव का उल्लास देखते ही बन रहा है. शहर-शहर गणपति के स्वागत की भव्य और दिव्य तैयारियां की गई हैं.
Happy Teachers' Day 2024: आज राष्ट्रीय शिक्षक दिवस है और ये दिन शिक्षकों धन्यवाद करने का दिन है. एक बच्चे का किताबों से साक्षात्कार शिक्षक ही करवाते हैं. उन किताबों से जो भविष्य को बदलने की ताकत रखती हैं. ये किताबें सही मायनें में छात्रों के लिए पंख का काम करती हैं. ऐसे में आज इसी पर हम बात करेंगे कि कैसे AI और चैट GPT जैसी तकनीक और हमारी मौजूदा शिक्षा व्यवस्था भारत को विश्वगुरू बना सकती है.