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ये हुई ना बात

दिल्ली में ठंड और प्रदूषण का कहर, बुजुर्गों और बच्चों को कैसे बचाएं, खुद का ख्याल कैसे रखें... डॉक्टरों से समझिए

20 दिसंबर 2024

किसी ने खूब कहा है कि इन बंद कमरों में मेरी सांस घुटी जाती है. खिड़कियां खोलता हूं तो जहरीली हवा आती है. दिल्ली और उसके आसपास रहने वालों पर इस दिनों यही गुजर रही है. घरों के भीतर और बाहर सांसों का सबसे गंभीर संकट मंडरा रहा है. फिलहाल साफ हवा की सूरत नजर नहीं आ रही है. दरअसल दिसंबर की शुरुआत में ऐसा लगा था कि हवा के साथ प्रदूषण की विदाई हो जाएगी. लेकिन दिसंबर के जाते जाते प्रदूषण फिर से लौट आया है. .ऐसे में सवाल है कि ठंड और प्रदूषण के इस जानलेवा मंजर के बीच खुद का और अपनों की सेहत का ख्याल कैसे रखा जाए. आज इन्हीं सारे सवालों पर देश के जाने माने डॉक्टर्स से बात करेंगे. लेकिन उससे पहले आपको अपनी ये रिपोर्ट दिखा देते हैं.

रूस ने कैंसर की वैक्सीन बनाने का किया दावा, कहा- नागरिकों को मुफ्त लगाएंगे, आखिर ये वैक्सीन भारत में कब आएगी और किस तरह कैंसर के खिलाफ कारगर होगी ?

18 दिसंबर 2024

आंकड़ों की मानें तो 2050 तक दुनिया में कैंसर के मामलों में 77 फीसदी तक उछाल आ सकता है. एक अनुमान तो ये भी है कि 2025 में भारत में कैंसर के मरीजों की संख्या 16 लाख तक पहुंच सकती है. ये भी एक कड़वा सच है कि कैंसर से हर मिनट दुनिया में 17 लोग अपनी जान गंवाते हैं. ऐसे में कैंसर के खिलाफ रुस के दावे ने दुनिया को बड़ा राहत दी है. रुस ने कैंसर की वैक्सीन बनाने की बात कहकर दुनिया को चौंका दिया है. रुस का ये भी कहना है कि अगले साल वो ये वैक्सीन मुफ्त में मरीजों को लगाना शुरु कर देगा. यही नहीं रुस ने कैंसर की इस वैक्सीन को लेकर ये भी दावा किया है कि इसके डोज मरीज की कंडीशन के हिसाब AI तैयार करेगा .

अब मात्र 26 दिन शेष, क्या है महाकुंभ की परंपरा का सार और कितना अद्भुत है संतों से सजा महाकुंभ का संसार? धर्माचार्यों से समझिए

17 दिसंबर 2024

महाकुंभ के शुभारंभ में भले 26 दिन बाकी हो लेकिन संगम की रेती पर महाकुंभ की भव्यता ने आकार ले लिया है. साधु संत यहां पहुंचने लगे हैं और तमाम अखाड़ों का प्रवेश भी यहां हो चुका है. इस बार कुंभ कई मायनों में खास होने जा रहा है. यहां इस बार ना केवल सनातन परंपरा की गौरवमयी झलक दिखने वाली है. बल्कि नए भारत का संकल्प भी इस बार महाकुंभ से गूंजने वाला है. तो आज महाकुंभ की इसी विरासत और उसकी परंपराओं पर अपने मेहमानों से करेंगे बात और समझेंगे क्या है महाकुंभ की परंपरा का सार और कितना अद्भुत है संतों से सजा महाकुंभ का संसार.

मेरठ में 20 रुपए के तेल से बाल उगाने का दावा, ऐसी दवाओं का सच क्या, क्या झड़ चुके बाल वापस आ जाएंगे, मेडिकल साइंस क्या कहता है ?

16 दिसंबर 2024

गंजेपन से आधा हिंदु्स्तान परेशान है. सर के बाल लहराते रहें इसके लिए लोग कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. हेयर केयर पर खूब पैसा खर्चते हैं. लेकिन बाल ढलती उम्र में भी सलामत बचे ये सबके नसीब में नहीं होता. ऐसे लोग बालों को बचाने के लिए कुछ भी करने को तैयार रहते हैं. इन दिनों ऐसे ही लोगों का मेला मेरठ में लगा है. यहां कुछ लोग एक तेल इस दावे के साथ बेच रहे हैं कि उस तेल से झड़ते बाल गिरना बंद हो जाएंगे. और जो बाल झड़ चुके हैं वो वापस आ जाएंगे. लेकिन मेडिकल साइंस अब तक ना तो ऐसी दवाएं और ना ही ऐसे हेयर ऑयल को मान्यता देता है...ऐसे में सवाल है कि कि आखिर गंजापन थामने वाली ऐसी दवाओं का सच है क्या...क्या ये दवाएं वाकई फायदा करती हैं या ये केवल भ्रम है.

महाकुंभ की तैयारियां परखने पीएम मोदी पहुंचे प्रयागराज, धर्म, अध्यात्म और संस्कृति का दिखेगा संगम...धर्मगुरुओं से जानिए कैसे खास है इसबार का कुंभ

13 दिसंबर 2024

Mahakumbh 2025: महाकुंभ 2025 के आगमन में महज एक महीना बचा है. महाकुंभ को भव्य और दिव्य बनाने के लिए की जा रही तैयारियां अपने अंतिम दौर में हैं. महाकुंभ की तैयारियां परखने पीएम मोदी खुद आज प्रयागराज पहुंचे. दर्शन पूजन किया. प्रयागराज को परियोजनाओं की सौगात दी. सीएम योगी खुद तमाम तैयारियों पर नजर रखे हुए है..कुल मिलाकर केंद्र और राज्य सरकार के साथ ही पूरा प्रशासन महाकुंभ को अद्भुत ऐतिहासिक और ग्लोबल बनाने में जुटा है.

नाबालिग बेटे ने गुस्से में ले ली मां की जान, जगाने पर था नाराज, आखिर बच्चों का गुस्सा आउट ऑफ कंट्रोल क्यों, क्या है कारण ? समझिए एक्सपर्ट्स से

12 दिसंबर 2024

आज अपने इस खास शो में बात नाबालिग बच्चों में बढ़ते अपराध की उनकी बढ़ती क्राइम टेंडेसी की. बात निकली है हाल ही में एक नाबालिग बेटे के क्रिमिनल एक्शन से, जिसमें उसने अपनी मां को ही जान से मार दिया. गोरखपुर में एक साइंटिस्ट की पत्नी को सिर्फ इस बात के जान से हाथ धोना पड़ा कि उन्होंने बेटे को स्कूल जाने के लिए जगा दिया. जगाने से गुस्सा बेटे ने मां को धक्का दिया मां का सिर दीवार से टकराया और वो नहीं रही. आखिर हमारे बच्चों को ये क्या हो गया है..वो क्यों अपनों की ही जान के दुश्मन बन जाते हैं.आज इसी सब पर बात करेंगे. लेकिन पहले देख लेते हैं ये रिपोर्ट

अचानक मौतों की वजह कोविड वैक्सिन नहीं, संसद में ICMR की रिसर्च पेश, विशेषज्ञ से समझिए सडेन डेथ की क्या हैं 5 बड़ी बजहें

11 दिसंबर 2024

कोविड के बाद जब अचानक चलते फिरते लोगों की जान जाने लगी तो ये सवाल उठे कि आखिर ऐसा हो क्यों रहा है. कुछ लोगो ने इसके लिए कोविड को जिम्मेदार ठहराया तो कुछ लोगों ने कोविड के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार बनी वैक्सीन को कठघरे में खड़ा कर दिया. सवाल उठे कि क्या वैक्सीन की वजह से खून में थक्के बन रहे हैं और उसकी वजह से लोगों की जान जा रही है. सवाल ये कि सडेन डेथ के जो कारण सरकार गिना रही है क्या अचानक हुई मौत की वही वजहे हैं. सवाल ये भी कि कोरोना के बाद से ही सडेन डेथ के मामले क्यों तेजी से बढ़े. इन्हीं तमाम सवालों पर अपने मेहमानों से करेंगे बात. लेकिन उससे पहले आपको दिखा देते हैं सरकार ने सडेन डेथ पर क्या कुछ कहा है.

बायोहैकिंग से उम्र को दी जा सकती है मात! लेकिन ये है क्या और कैसे कर सकते हैं, मेडिकल साइंस क्या कहता है, विशेषज्ञ क्या कहते हैं, समझिए सबकुछ

10 दिसंबर 2024

योग करने से फायदा होता है ये हमें पता है. रोज एक्सरसाइज जरुरी है ये भी हम जानते हैं. लेकिन अगर कोई अपनी हेल्थ के लिए बर्फ से नहाने लगे या कोई ऑक्सीजन मास्क लगाकर घूमने लगे तो इसे आप क्या कहेंगे. जाहिर है आपको अजीब लगेगा. लेकिन इसी अजीबो गरीब एक्सपेरिमेंट को आजकल लोग बायोहैकिंग कहते हैं. आखिर इस बायोहैकिंग का सच है क्या और क्या मेडिकल साइंस इसे मान्यता देता है.या फिर ये केवल मन का भरम है. आज इसी बात पर अपने मेहमानो से करेंगे चर्चा.

सीरिया में तख्तापलट, राष्ट्रपति बशर अल असद को देश छोड़कर भागे, आखिर मीडिल ईस्ट की इस उथल पुथल का क्या असर होगा? समझिए

09 दिसंबर 2024

सीरिया में विद्रोह के बिगुल के बीच तख्तापलट हो चुका है. इस्लामिक विद्रोहियों ने हालात ऐसे कर दिए कि राष्ट्रपति बशर अल असद को देश छोड़कर भाग जाने पर मजबूर होना पड़ा है और इस तरह सीरिया में असद परिवार के 50 सालों का वर्चस्व खत्म हो चुका है. रूस का कहना है कि असद और उनके परिवार ने मॉस्को में शरण ली है. असद ने इससे पहले विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद शांतिपूर्ण ढंग से सत्ता सौंपने के लिए हामी भर दी थी लेकिन बात नहीं बनी.