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ये हुई ना बात

होलिका दहन और पूजन से कैसे आपकी चमकेगी किस्मत, किस राशि के जातक कैसे करें पूजा, भद्राकाल में किन बातों का ख्याल रखें? जानिए सबकुछ ज्योतिषाचार्यों से

13 मार्च 2025

कुछ यूं रंगों से रंग मिले हैं. रंगों के भी भेद मिटे हैं फाग ने छेड़ा राग वसंती हर आंगन में फूल खिले हैं किसी ने उचक फेंका गुब्बारा कहीं चली रंगभरी पिचकारी आओ सब मिल खेलें होली कुछ सतरंगी. कुछ अतरंगी एक हों, शुरू करें नवरंगोली आप सभी को होली की ढेर सारी शुभकामनाएं. हिंदू पंचांग के अनुसार आज होलिका दहन होगा और इसी के साथ होली का शुभारंग भी होगा. लेकिन उससे पहले भद्रा का साया है. भद्रा रात 11 बजकर 26 मिनट तक रहेगी उसी के बाद होलिका दहन हो सकेगा. यानी भद्रा समाप्त होने के बाद रात 11 बजकर 27 मिनट से होलिका दहन का मुहूर्त है. सदियों पुरानी इस परम्परा का विशेष महत्व है. होलिका दहन का ये समय बुराइयों का, बाधाओं के नाश का समय है

कौन से रंग से मिलेगी तरक्की, किस रंग से होली खेलना शुभ? ज्योतिषाचार्यों से जानिए क्या है रंगों का किस्मत कनेक्शन

12 मार्च 2025

एक तरफ गुजिया की मिठास है, तो दूसरी उड़ता रंग गुलाल है. जीवन में रंगों का होना बेहद जरूरी है. भक्ति का रंग, प्रेम का रंग और आस्था का रंग. ये रंग ही हैं, जो हमारे जीवन को रंगीन बनाते हैं. रंगों का हमारे जीवन से सीधा कनेक्शन है. होली के मौके पर देश का कोना-कोना रंगों से सराबोर है. ब्रज में राधा-कृष्ण के प्रेम में रंगने के लिए देश-विदेश से श्रद्धालु मथुरा पहुंच रहे हैं. ये वो जगह है, जहां होली का महाउत्सव वसंत पंचमी से शुरू हो जाता है. राजस्थान के जैसलमेर में भी लक्ष्मीनाथ मंदिर में होली खेली गई.

होली पर लग रहा चंद्र ग्रहण, पर्व पर और सभी राशियों पर क्या पड़ेगा असर, किन बातों का रखना है ख्याल? जानिए ज्योतिषाचार्यों से

11 मार्च 2025

रंगों का पर्व आया है और उल्लास का रंग गहराने लगा है. हर तरफ रंग ही रंग बिखरे नजर आ रहे हैं. अबीर-गुलाल की खुशबू से फिजा महक रही है. कान्हा की नगरी ब्रज में देश-विदेश से भक्त होली खेलने के लिए पहुंच रहे हैं. आज वहां गोकुल के नंदगांव में छड़ीमार होली खेली गई। जबकि बनारस में महादेव के भक्तों ने मसाने की होली खेली. मसाने की होली में भस्म से होली खेलने की परंपरा है. इस खास मौके पर बाबा मसाननाथ की भव्य शोभा यात्रा भी निकाली गई.

रंगभरी एकादशी पर कैसी है महादेव की नगरी काशी की रौनक, जानिए महत्व और महासंयोग

10 मार्च 2025

रंगों का पर्व होली आ चुका है. मथुरा में वसंत पंचमी से होली मनाई जा रही है. आज रंगभरी एकादशी से शिव का काशी भी इस होली के उत्सव में शामिल हो गई है. आज रंगभरनी एकादशी पर काशी में महादेव के भक्त शिव-शक्ति के साथ होली खेल रहे हैं. मान्यता है इस दिन स्वर्ग से देवता भी काशी में महादेव और मां गौरा के साथ होली खेलने के लिए पहुंचते हैं. इस दिन गृहस्थ के अलावा साधु, संत भी होली खेलते हैं. शिव के आराध्य हैं राम और रामनगरी में भी रंगोत्सव का रंग बिखरने लगा है. अयोध्या में रंगभरनी एकादशी पर मंदिरों में भगवान को अबीर गुलाल लगाया गया. हनुमानगढ़ी में संतों ने बजरंग बली को अबीर गुलाल लगाया. वहां दर्शन के लिए पहुंचे भक्तों को प्रसाद के तौर पर रंग दिया गया. ये तो हुई काशी और अयोध्या की बात. जबकि कान्हा की नगरी मथुरा तो पिछले कई दिनों से वसंती रंग में रंगी हुई है. आज वहां के मंदिरों में हर तरफ रंग गुलाल की महक है. मथुरा के बाजारों में रंगों के इस पर्व को लेकर खासी रौनक है. राजस्थान के सीकर में होली के लोकगीत गूंज रहे हैं. चंग और ढप की थाप पर हुरियारे गीत गा रहे हैं. राजस्थान का अजमेर होली के रंगों से सजा हुआ है. देश के अलग-अलग हिस्सों में इसी तरह होली से पहले होली की खुमारी छाई हुई है. लेकिन रंगभरनी एकादशी पर महादेव की नगरी काशी की रौनक देखने लायक है.

यमुना में घुला प्रदूषण का जहर कैसे होगा दूर? दिल्ली सरकार का क्या है प्लान, जानिए

09 मार्च 2025

यमुना नदी की सफाई के लिए सरकार और जनता दोनों की भागीदारी जरूरी है. हाल के प्रयासों से कुछ सकारात्मक परिणाम दिखने लगे हैं. आईटीओ घाट पर गंदगी कम हुई है और पानी में सुधार दिखा है. विशेषज्ञों का मानना है कि यमुना को गंदा होने से बचाना मुख्य चुनौती है. इसके लिए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स का सही संचालन, अनधिकृत कॉलोनियों का प्रबंधन और जन जागरूकता बढ़ाना जरूरी है. सरकारी योजनाओं के साथ-साथ लोगों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी. यमुना नदी की सफाई के लिए सरकार, एनजीओ और आम जनता के प्रयासों पर चर्चा. धार्मिक नेताओं की भूमिका और जन जागरूकता पर जोर. सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स की कार्यक्षमता और अवैध निर्माण पर चिंता व्यक्त की गई. यमुना आरती और स्वच्छता अभियान के प्रभाव पर विचार-विमर्श. नदी की पूजा और उसे स्वच्छ रखने की जिम्मेदारी पर बल दिया गया.

कब से कब तक है होलाष्टक... इस दौरान क्या करें और क्या ना करें? विस्तार से जानिए

07 मार्च 2025

होली की मस्ती हवा में घुलने लगी है. अबीर-गुलाल की महक से फिजा महकने लगी है. ब्रज मंडल में तो वसंत पंचमी से रंग बरसे जारी है और काशी में भी इस बार होली खास होने वाली है. क्योंकि कृष्ण की नगरी में तैयार किया गया रंग काशी विश्वनाथ के लिए भेजा जा रहा है. वैसे काशी में मशाने की होली भी बड़ी फेमस है, जिसे साधु-संत और नागा संन्यासी खेलते हैं. होली से पहले आज से होलाष्टक भी शुरू हो गए हैं... दरअसल होली के 8 दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं और इसका समापन होलिका दहन के साथ होता है. इस बार आज से यानी 7 मार्च से 13 मार्च तक होलाष्टक रहेगा. इस दौरान शुभ कार्य वर्जित माने जाते हैं. होलाष्टक से जुड़ी तमाम मान्यताओं और परम्पराओं के बारे में हम आपको बताने वाले हैं. इसे भक्ति की शक्ति के प्रतीक के तौर पर भी देखा जाता है. मान्यता है कि होलाष्टक के दौरान नकारात्मक ऊर्जा ज्यादा प्रभावशाली हो जाती हैं यही वजह है कि इस दौरान मांगलिक कार्य नहीं किए जाते. हालांकि कष्टों के निवारण की पूजा-अर्चना के लिए ये बिल्कुल उपयुक्त समय है. होलाष्टक के दौरान जप-तप और पुण्य करने से तमाम कष्टों का अंत होता है और ज़िंदगी में खुशियों के रंगों की बहार आती है. तो कैसे इन दिनों आप ईश्वर की विशेष कृपा पा सकते हैं और क्या हैं होलाष्टक से जुड़ी मान्यताएं.

लोगों की भागीदारी से ही बनेगी बात! जानिए यमुना सफाई के लिए दिल्ली सरकार का एक्शन प्लान? जानिए

06 मार्च 2025

यमुना को स्वच्छ बनाना है और ये काम हमें और आप सभी दिल्ली के लोगों को सरकार के साथ मिलकर करना है. जिस तरह हम अपने घरों में साफ-सफाई का ख्याल रखते हैं. उसी तरह नदियों का भी हमें ध्यान रखना होगा. किसी दूसरे पर ठीकरा फोड़कर इस समस्या को नजरअंदाज किया जा सकता है. मगर इस समस्या से उबरने के लिए हमें अपनी आदतें बदलनी होंगी. आखिर हमारी कौन सी वो वजह हैं जिनसे यमुना मैली हो रही हैं. आइये सबसे पहले इसी पर बात करते हैं. हम अपने घरों में पूजा करते हैं और पूजा के बाद सामग्री यमुना में प्रवाहित कर देते हैं. एक पल के लिए भी ये नहीं देखते कि हम क्या-क्या चीजें नदी में बहा रहे हैं और ये हमारे पर्यावरण के लिए कितना खतरनाक हो सकता है. अगर इसी आदत को हम बदल सकें तो यमुना में काफी हद तक पॉल्यूशन कम हो सकता है. दूसरा काम हम ये कर सकते हैं कि घाटों पर पूजा पाठ के बाद गंदगी न फैलाकर जाएं. अगर कुछ गंदगी हो भी गई है तो घाटों को साफ कर दें. ना कि सफाई कर्मी के भरोसे बैठे रहें. हम यमुना घाटों की सफाई में भी योगदान कर सकते हैं. दिल्ली में ऐसे कई NGO हैं, जो यमुना सफाई के मिशन में जुटे हुए हैं. हफ्ते या महीने में एक दिन हम इस काम के लिए निकाल सकते हैं. क्योंकि यमुना सिर्फ एक नदी नहीं, बल्कि दिल्ली की पहचान भी है और इसको बचाना हम सबकी जिम्मेदारी है. तो आज इसी मुद्दे पर हम विस्तार से बात करेंगे.

दिल्ली में 3 साल में कैसे साफ होगी यमुना? जानिए

05 मार्च 2025

गुड न्यूज टुडे ने यमुना नदी को स्वच्छ करने के लिए एक विशेष मुहिम शुरू की है. इस कार्यक्रम में यमुना की वर्तमान स्थिति, प्रदूषण के कारण और सरकार के नए एक्शन प्लान पर विस्तृत चर्चा की गई. विशेषज्ञों ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स, नालों की टैपिंग और जन-जागरूकता जैसे मुद्दों पर अपने विचार रखे. 3 साल में यमुना को स्वच्छ करने के लक्ष्य और उसकी चुनौतियों पर भी बात हुई. यमुना नदी की सफाई के लिए सरकार ने 3 साल का लक्ष्य रखा है.

भारत में हर तीसरा व्यक्ति हो जाएगा मोटापे का शिकार, जानें कैसे रोकें?

04 मार्च 2025

लैंसेट की एक चौंकाने वाली रिपोर्ट के अनुसार, 2050 तक भारत में 45 करोड़ लोग मोटापे के शिकार हो सकते हैं. इसमें 57.4% पुरुष और 46.7% महिलाएं शामिल होंगी. मोटापा अब एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन गया है. विशेषज्ञों का मानना है कि खराब खानपान, शारीरिक गतिविधि की कमी और तनाव इसके प्रमुख कारण हैं. सरकार और समाज को इस समस्या से निपटने के लिए गंभीर प्रयास करने होंगे. स्कूलों और कार्यस्थलों पर फिटनेस को प्रोत्साहित करना जरूरी है. 2050 तक भारत में हर तीसरा व्यक्ति मोटापे का शिकार या ओबीस होगा. पुरुषों में इसका खतरा महिलाओं से ज्यादा है. विशेषज्ञों का कहना है कि लाइफस्टाइल में बदलाव, बैलेंस्ड डाइट और नियमित व्यायाम से इस समस्या से बचा जा सकता है. प्रोसेस्ड फूड, जंक फूड और शुगरी ड्रिंक्स से बचना चाहिए. मोटे अनाज, फल-सब्जियां और प्रोटीन युक्त आहार लेना फायदेमंद है. स्ट्रेस कम करने और फिट रहने के लिए योग और मेडिटेशन भी जरूरी है.

क्यों है बच्चों के यौन शोषण से जुड़े पॉक्सो एक्ट को और सख्त करने की जरूरत? जानिए

03 मार्च 2025

पॉक्सो एक्ट के तहत अपराधियों को बेल मिलना बहुत कठिन है, फिर भी कुछ अपराधी बार-बार बेल पर छूट जाते हैं और वही अपराध दोहराते हैं. कोर्ट और पुलिस की भूमिका पर सवाल उठते हैं. पोक्सो एक्ट 2012 में लाया गया था ताकि नाबालिगों के साथ यौन अपराध करने वालों को सख्त सजा दी जा सके. इसके बावजूद बेल और परोल की प्रक्रिया में खामियों की वजह से अपराधियों को बार-बार छूट मिलती है. कानून के सख्त इम्प्लिमेंटेशन की जरूरत है. पोक्सो एक्ट 2012 में लाया गया था ताकि नाबालिगों के साथ दुष्कर्म के मामलों में सख्त सजा दी जा सके. लेकिन आंकड़े बताते हैं कि 2018 से 2022 तक हर साल 30,000 से ज्यादा बलात्कार के मामले सामने आए. कानून सख्त होने के बावजूद अपराधियों को बार-बार बेल मिल रही है और वे फिर से अपराध कर रहे हैं. इस मुद्दे पर विशेषज्ञों का कहना है कि कानून के इम्प्लीमेंटेशन में कमी है. पुलिस और कोर्ट की कार्रवाई पर भी सवाल उठ रहे हैं. इस समस्या के समाधान के लिए कठोर कदम उठाने की आवश्यकता है.

अंतरिक्ष में है सात ग्रहों का महासंयोग, इसका सभी राशियों पर कैसा रहेगा असर, जानिए

01 मार्च 2025

अनंत अंतरिक्ष इन दिनों ग्रहों की चाल के महासंयोग का साक्षी बन रहा है. सौरमंडल के सात ग्रह एक अनोखे तालमेल के साथ सूर्य के चक्कर लगा रहा हैं. खास बात ये है कि इन दिनों सात ग्रह एक सीधी रेखा में दिख रहे हैं. विश्व के कई देशों में ग्रहों की इस चाल पर लोगों की नजर बनी हुई है. ये महासंयोग इसलिए भी खास है क्योंकि ग्रहों के एक सीध में आने की ये घटना करीब साढ़े तीन सौ साल बाद हो रही है. ग्रहों की इस चाल का ज्योतिष में भी खास असर बताया गया है. तो आप पर क्या होगा इन ग्रहों का असर...अपने इस खास शो में हम इसी पर करेंगे चर्चा.